त्योहारों के बाद रेलवे में अफरा-तफरी, भोपाल से मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जाने वाली सभी ट्रेनों में 13 नवंबर तक सीटें फुल

छठ पर्व और अन्य त्योहारों के समाप्त होते ही अब देशभर में कामकाजी लोग और छात्र अपने-अपने कार्यस्थलों की ओर लौट रहे हैं। इसका सीधा असर रेलवे सेवाओं पर दिखाई दे रहा है। भोपाल से मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, दक्षिण भारत और उत्तर भारत की दिशा में चलने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, 13 नवंबर तक अधिकांश ट्रेनों में सीटें पूरी तरह भर चुकी हैं और कई रूट्स पर वेटिंग लिस्ट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। यह स्थिति मुख्य रूप से उन प्रवासी यात्रियों के कारण बनी है जो दीपावली और छठ पूजा मनाने के बाद अब अपने रोजगार या शिक्षा के स्थानों की ओर लौट रहे हैं।

भोपाल से चलने वाली प्रमुख ट्रेनों में सीटें फुल

भोपाल स्टेशन से गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनों जैसे मंगला एक्सप्रेस, गोरखपुर–पनवेल एक्सप्रेस, पुष्पक एक्सप्रेस और कामायनी एक्सप्रेस में 13 नवंबर तक स्लीपर और एसी-3 दोनों श्रेणियों में एक भी सीट खाली नहीं है। रेलवे बुकिंग चार्ट में कई ट्रेनों की स्थिति ‘रि-ग्रेट (No Room)’ दिखाई दे रही है, जिसका अर्थ है कि अब टिकट बुक करने की कोई संभावना नहीं बची है। यात्रियों का कहना है कि उन्हें टिकट के लिए बार-बार रेलवे वेबसाइट और ऐप चेक करने के बावजूद वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ यात्रियों ने यह भी बताया कि तत्काल बुकिंग खुलते ही टिकट कुछ ही मिनटों में फुल हो जा रहे हैं।

रेलवे की अपील — तत्काल और स्पेशल ट्रेनों पर रखें नजर

रेलवे विभाग ने यात्रियों से अपील की है कि वे तत्काल टिकट बुकिंग और स्पेशल ट्रेनों की घोषणा पर नजर रखें। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाले दिनों में अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों को चलाने की तैयारी की जा रही है। रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य निरंजन वाधवानी और मुकेश अवस्थी ने कहा कि इस समय सबसे ज़रूरी है कि रेलवे यात्रियों को राहत देने के लिए समय पर अतिरिक्त ट्रेनों की घोषणा करे, ताकि वापसी के सफर में किसी को असुविधा न हो। रेलवे ने यह भी बताया कि ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए काउंटरों और ऑनलाइन सर्वर की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।

पुणे-बेंगलुरु रूट पर भी यात्रियों का दबाव

त्योहारों के बाद दक्षिण भारत की ओर जाने वाले रूट्स पर भी यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति, और कर्नाटक एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में 12 नवंबर तक सभी क्लास की सीटें भरी हुई हैं।
पुणे, बेंगलुरु और चेन्नई की ओर जाने वाले मार्गों पर भी ‘नो रूम’ की स्थिति बनी हुई है। यात्रियों का कहना है कि एयरफेयर (विमान किराया) भी बढ़ने से अब सभी लोग ट्रेन का विकल्प चुन रहे हैं, जिससे स्थिति और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गई है।

उत्तर भारत लौटने वालों की भीड़ से वेटिंग लिस्ट लंबी

राप्तीसागर एक्सप्रेस और कुशीनगर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी भारी भीड़ दर्ज की जा रही है। राप्तीसागर एक्सप्रेस में 12 नवंबर तक स्लीपर और एसी-3 दोनों श्रेणियों में कोई सीट खाली नहीं है, जबकि कुशीनगर एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास रि-ग्रेट पर पहुंच चुकी है और एसी-3 क्लास में 15 से 20 वेटिंग चल रही है। पुणे–गोरखपुर स्पेशल ट्रेन में भी यही स्थिति है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि छठ पर्व के बाद अब उत्तर भारत से हजारों प्रवासी कामगार अपने काम पर लौट रहे हैं, जिसके चलते ट्रेनों पर जबरदस्त दबाव बना हुआ है।

यात्रियों की परेशानी और उम्मीदें

त्योहारों के बाद की इस भीड़भाड़ ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। जिन लोगों के पास कन्फर्म टिकट नहीं हैं, वे बसों या प्राइवेट गाड़ियों का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, रेलवे ने भरोसा दिलाया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों की घोषणा जल्द की जाएगी। यात्रियों की उम्मीद अब रेलवे के अगले कदम पर टिकी है ताकि वापसी का यह सफर कठिन नहीं, सहज और सुरक्षित बन सके।