भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले वर्षों में भारत के बैंकिंग सेक्टर की वैश्विक साख और भी ऊंचाई पर पहुंचेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2030 तक एसबीआई और देश के दो प्रमुख निजी बैंक दुनिया के शीर्ष-10 बैंकों में शामिल होंगे।
एसबीआई का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर के पार
कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में शेट्टी ने बताया कि एसबीआई का बाजार पूंजीकरण अब 100 अरब डॉलर को पार कर चुका है, जो बैंकिंग उद्योग के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “यह केवल एसबीआई की उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर की सामूहिक ताकत का प्रतीक है।”
हालांकि उन्होंने निजी क्षेत्र के उन दो बैंकों के नाम उजागर नहीं किए, लेकिन माना जा रहा है कि उनमें एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं, जिनकी बाजार स्थिति भी बेहद मजबूत है।
निजी बैंकों की स्थिति: एचडीएफसी और आईसीआईसीआई आगे
वर्तमान में एचडीएफसी बैंक 15.11 लाख करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन के साथ भारत का सबसे मूल्यवान बैंक है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक 9.59 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ दूसरे स्थान पर है।
एसबीआई, जिसका वर्तमान बाजार पूंजीकरण 8.82 लाख करोड़ रुपये है, संपत्तियों के मामले में देश का सबसे बड़ा बैंक बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर यह फिलहाल 43वें स्थान पर है, और अब इसका लक्ष्य 2030 तक टॉप-10 ग्लोबल बैंकों में जगह बनाना है।
भारत को चाहिए विश्वस्तरीय बैंक
शेट्टी ने कहा कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को अब ऐसे विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। उनका यह बयान उस समय आया है जब केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर बैंकों के विलय और सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में कहा था कि देश को अब “ग्लोबल स्केल पर काम करने वाले विशाल बैंकों की जरूरत है।”
पूंजी जुटाने का उद्देश्य और बैंक की रणनीति
एसबीआई द्वारा 25,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की प्रक्रिया जारी है। चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि यह पूंजी केवल विकास के लिए नहीं, बल्कि बैंकिंग सेक्टर को यह भरोसा देने के लिए है कि एसबीआई की कैपिटल बफर स्थिति बेहद मजबूत है। उन्होंने बताया कि साल के अंत तक बैंक का कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो 15% से अधिक रहेगा, जबकि टियर-1 कैपिटल स्तर 12% से ऊपर बनाए रखने का लक्ष्य है।
शेट्टी ने यह भी कहा कि आज के युवा, खासकर इंजीनियरिंग स्नातक, एसबीआई जैसी संस्थाओं में नौकरी को लेकर उत्साहित हैं। इससे बैंक को टेक्नोलॉजी एडॉप्शन और इनोवेशन की दिशा में नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने बताया कि यह नई पीढ़ी बैंक को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और फिनटेक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।