Indore-Pithampur Economic Corridor परियोजना को मिली नई रफ्तार

इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम) से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक आज इंदौर स्थित एमपीआईडीसी कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में Indore-Pithampur Economic Corridor, पीथमपुर सेक्टर-7, बरलाई शुगर मिल, आईटी पार्क-3, आईटी पार्क-4 और प्लग-एंड-प्ले पार्क जैसी महत्वपूर्ण औद्योगिक परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित कार्यों की स्थिति का मूल्यांकन करना और आगे की कार्यवाही को गति देना रहा।

सिंहस्थ पूर्व अवधि में उपयोगी सिद्ध होगा इकोनॉमिक कॉरिडोर

बैठक के दौरान एमपीआईडीसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हिमांशु प्रजापति ने विभिन्न परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और पीपीटी के माध्यम से प्रगति रिपोर्ट साझा की। उन्होंने बताया कि इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर न केवल औद्योगिक विकास में सहायक होगा, बल्कि आने वाले सिंहस्थ पर्व के दृष्टिकोण से भी यह परियोजना अत्यंत उपयोगी साबित होगी। इस कॉरिडोर के माध्यम से एबी रोड से उज्जैन की ओर जाने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश किए बिना डायवर्ट किया जा सकेगा, जिससे ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी और शहर के पश्चिमी क्षेत्र में योजनाबद्ध विकास को बढ़ावा मिलेगा।

भूमि सीमांकन कार्य में तेजी लाने के निर्देश

कलेक्टर वर्मा ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि कॉरिडोर के मार्ग में आने वाली भूमि का सीमांकन प्राथमिकता से किया जाए, विशेषकर 75 मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि का सीमांकन जल्द पूरा होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सीमांकन प्रक्रिया कॉरिडोर के दोनों सिरों से एक साथ प्रारंभ की जाए ताकि कार्य में निरंतरता और गति बनी रहे। कलेक्टर ने कहा कि सीमांकन पूर्ण होते ही भूमि पंजीयन प्रक्रिया को शीघ्र आरंभ किया जाए, जिससे परियोजना के निर्माण कार्य में कोई विलंब न हो।

पीथमपुर सेक्टर-7 और अन्य लंबित मामलों की समीक्षा

बैठक में पीथमपुर सेक्टर-7 से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। हिमांशु प्रजापति ने बताया कि भूमि सीमांकन और लैंड रिकॉर्ड के अद्यतन में तेजी लाना आवश्यक है, जिस पर कलेक्टर ने संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूमि से जुड़े दस्तावेजों और रेकॉर्ड को अद्यतन कर प्रोजेक्ट की प्रगति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाए।

इसी क्रम में बरलाई शुगर मिल से संबंधित भूमि रिकॉर्ड अद्यतन करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। बैठक में बताया गया कि वन भूमि विनिमय (Forest Land Exchange) का प्रकरण अभी प्रगति पर है और इसके लंबित रहने से विकास कार्यों में विलंब हो रहा है। कलेक्टर ने इस मुद्दे को शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिए ताकि परियोजनाओं की गति बनी रहे।

औद्योगिक क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने और विकास को बढ़ावा देने पर जोर

बैठक में रंगवासा औद्योगिक क्षेत्र और कन्फेक्शनरी क्लस्टर में चल रहे अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन क्षेत्रों से अतिक्रमण को हटाकर औद्योगिक निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्रोत्साहन दिया जाए।

आईटी पार्क और प्लग-एंड-प्ले पार्क की प्रगति पर समीक्षा

एमपीआईडीसी अधिकारियों ने बैठक में आईटी पार्क-3, आईटी पार्क-4 और प्लग-एंड-प्ले पार्क से संबंधित परियोजनाओं की स्थिति और प्रस्तावों की जानकारी कलेक्टर को दी। वर्मा ने कहा कि जिले में चल रही सभी औद्योगिक परियोजनाएं सर्वोच्च प्राथमिकता (Utmost Priority) के साथ तय समयसीमा में पूरी की जाएं। उन्होंने राजस्व विभाग और एमपीआईडीसी अधिकारियों को टाइमलाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए, ताकि प्रदेश के औद्योगिक ढांचे को नई दिशा मिल सके।