Indore News : इंदौर शहर के प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपरों में से एक, NRK ग्रुप के प्रमुख दीपक कालरा ने अपनी निर्माणाधीन हाईराइज बिल्डिंग ‘NRK LUXE’ की नई प्रॉपर्टी गाइडलाइन दरों के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, सरकार के तथ्यात्मक जवाब के बाद उन्हें अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी।
कालरा ने जिला मूल्यांकन समिति पर पक्षपात का आरोप लगाया था, लेकिन सरकारी पक्ष ने उनके ही प्रोजेक्ट के बैंक मूल्यांकन का हवाला देकर उनके दावों को निराधार साबित कर दिया।
ये मामला इंदौर के स्कीम नंबर 134 में बन रहे 60 मीटर ऊंचे कमर्शियल-कम-रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट NRK LUXE से जुड़ा है। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिला मूल्यांकन समिति ने इस प्रोजेक्ट के लिए आवासीय संपत्ति की दर 90 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर और व्यावसायिक संपत्ति की दर 1.30 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर तय की थी।
क्या थे बिल्डर के आरोप?
दीपक कालरा ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में दावा किया था कि समिति ने जानबूझकर उनके प्रोजेक्ट की दरें बढ़ाई हैं, ताकि आसपास के अन्य प्रोजेक्ट्स को फायदा पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पहले प्रस्तावित दरें आवासीय के लिए 35 हजार और व्यावसायिक के लिए 70 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर थीं, जिन पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी।
कालरा का आरोप था कि अंतिम गाइडलाइन में इन दरों को बिना किसी नियम का पालन किए ढाई गुना तक बढ़ा दिया गया। उन्होंने याचिका में कहा था कि प्रस्तावित दरों से संतुष्ट होने के कारण उन्होंने आपत्ति दर्ज नहीं कराई, लेकिन अंतिम दरों से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। याचिका में जिला मूल्यांकन समिति, केंद्रीय मूल्यांकन समिति और इंदौर कलेक्टर को पक्षकार बनाया गया था।
सरकारी जवाब ने तथ्यों से खोली पोल
मामले में सरकार की ओर से पेश किए गए जवाब ने बिल्डर के आरोपों की पूरी तरह से पोल खोल दी। सरकार ने अपने जवाब में कई अहम तथ्य सामने रखे:
1. कोई आपत्ति नहीं ली गई: सरकार ने बताया कि नई दरों का प्रस्ताव संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया गया था, लेकिन NRK ग्रुप की ओर से तय समय में कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई।
2. पड़ोस के प्रोजेक्ट में भी वही दरें: पक्षपात के आरोप को खारिज करते हुए सरकार ने बताया कि पास के साहिल ग्रैंड और साहिल एलिगेंट जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए भी दरें संशोधित की गई हैं। साहिल ग्रैंड में आवासीय दर 1 लाख रुपए और व्यावसायिक दर 1.30 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर है। वहीं, साहिल एलिगेंट में यह दरें 90 हजार और 1.30 लाख रुपए हैं, जो NRK LUXE के बराबर ही हैं।
3. खुद का बैंक मूल्यांकन बना सबूत: सबसे बड़ा खुलासा सरकार ने NRK LUXE प्रोजेक्ट के मॉर्टगेज को लेकर किया। सरकार ने बताया कि कालरा ने अपने प्रोजेक्ट की G-2 और G-3 यूनिट्स को ICICI बैंक में मॉर्टगेज रखा है। बैंक ने इन व्यावसायिक यूनिट्स का मूल्यांकन 16 करोड़ रुपए किया है, जो 3.33 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर के बराबर है।
इस तथ्य ने कालरा के दावों को कमजोर कर दिया, क्योंकि सरकार द्वारा तय व्यावसायिक गाइडलाइन दर (1.30 लाख रुपए/वर्गमीटर) उनके अपने बैंक द्वारा किए गए मूल्यांकन (3.33 लाख रुपए/वर्गमीटर) से आधे से भी कम है। इसी मूल्यांकन के आधार पर ग्रुप ने 10 करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया है। इन तथ्यों के सामने आने के बाद दीपक कालरा ने हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली।