News Delhi/Mhow : दिल्ली में हुए कार धमाके की जांच में एक बड़ा और सनसनीखेज मोड़ आया है। मामले की तफ्तीश कर रही जांच एजेंसियों को इसके तार मध्य प्रदेश के इंदौर के पास स्थित महू शहर से जुड़ते मिले हैं। इस पूरे प्रकरण के केंद्र में जवाद सिद्दीकी नाम का एक शख्स आ गया है, जो पहले से ही करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोपी है और लंबे समय से फरार चल रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली ब्लास्ट की जांच के दौरान मिले कुछ अहम सुरागों ने एजेंसियों का ध्यान महू की ओर खींचा। इसके बाद जब कड़ियां जोड़ी गईं तो शक की सुई अल-फलाह ट्रस्ट के संचालक जवाद सिद्दीकी पर आकर टिक गई। सिद्दीकी का आपराधिक रिकॉर्ड और उसकी फरारी ने इस संदेह को और गहरा कर दिया है।
कौन है जवाद सिद्दीकी?
जवाद सिद्दीकी मध्य प्रदेश के महू में अल-फलाह ट्रस्ट नाम की एक संस्था चलाता था। वह इलाके में एक शरीफ चेहरा था, लेकिन उसकी असलियत तब सामने आई जब उस पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा। बताया जाता है कि वह पिछले कुछ समय से फरार है और पुलिस समेत कई एजेंसियां उसकी तलाश कर रही हैं।
90 करोड़ की धोखाधड़ी का पुराना मामला
जवाद सिद्दीकी का नाम पहली बार तब सुर्खियों में आया था, जब उस पर ट्रस्ट के जरिए लोगों से लगभग 90 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप लगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्दीकी ने अपने ट्रस्ट के माध्यम से सैकड़ों लोगों को भारी मुनाफे और अन्य योजनाओं का लालच देकर उनसे पैसे जमा करवाए थे।
जब जमा की गई रकम 90 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई, तो वह अचानक महू से गायब हो गया। इसके बाद, अपनी जमापूंजी खो चुके पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन तब तक सिद्दीकी फरार हो चुका था। अब उसी भगोड़े का नाम दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ने से हड़कंप मच गया है।
दिल्ली ब्लास्ट से कैसे जुड़ा नाम?
जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी हैं कि दिल्ली ब्लास्ट में जवाद सिद्दीकी की भूमिका क्या हो सकती है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि ब्लास्ट में उसकी सीधी संलिप्तता थी या उसने किसी और तरह से मदद की। एजेंसियां कई एंगल पर जांच कर रही हैं, जैसे:
- क्या ब्लास्ट में इस्तेमाल वाहन या सामग्री का सिद्दीकी या उसके नेटवर्क से कोई संबंध था?
- क्या इस आतंकी घटना की फंडिंग में उसकी कोई भूमिका थी?
- क्या उसने फरार रहने के दौरान किसी आतंकी मॉड्यूल से संपर्क साधा?
उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड और वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होना यह संकेत देता है कि वह पैसे के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
एजेंसियों ने तेज की जांच
इस नए खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत कई केंद्रीय जांच एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं। जवाद सिद्दीकी की तलाश के लिए एक बार फिर से अभियान तेज कर दिया गया है। मध्य प्रदेश पुलिस से भी इस मामले में पूरा सहयोग लिया जा रहा है और सिद्दीकी के पुराने ठिकानों और उसके करीबियों पर नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा सकती है।
एक आर्थिक अपराधी का नाम देश की राजधानी में हुए धमाके से जुड़ना इस मामले को और भी गंभीर बना देता है। फिलहाल, जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी इस जांच की सबसे अहम कड़ी बन गई है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि दिल्ली ब्लास्ट में उसकी असली भूमिका क्या थी और इस साजिश के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।