बिहार चुनाव रुझान: NDA 150 सीटों के पार, नीतीश सरकार की वापसी के संकेत; तेज प्रताप यादव पीछे

Patna News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटों की गिनती जारी है और शुरुआती रुझानों ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर काफी हद तक साफ कर दी है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक बार फिर सरकार बनाता दिख रहा है। NDA 153 सीटों पर निर्णायक बढ़त बनाए हुए नजर आ रही है।
वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को शुरुआती रुझानों में बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन फिलहाल 78 सीटों पर आगे चल रहा है। इन रुझानों के बाद एनडीए खेमे में जश्न का माहौल है, जबकि महागठबंधन के कार्यालयों में खामोशी पसरी हुई है।
दिग्गजों की सीटों पर कांटे की टक्कर
इस चुनाव में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। शुरुआती रुझानों में कुछ चौंकाने वाले परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
तेज प्रताप यादव: हसनपुर सीट से चुनाव लड़ रहे लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने प्रतिद्वंद्वी से पीछे चल रहे हैं। यह महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
सम्राट चौधरी: वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी अपनी सीट पर मजबूत बढ़त बनाए हुए हैं। उनकी बढ़त से एनडीए कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढ़ा है।
अन्य प्रमुख नेताओं की बात करें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी-अपनी सीटों पर आगे चल रहे हैं। हालांकि, अंतिम परिणाम आने तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
NDA की शानदार वापसी के मायने
अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो यह नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत होगी। चुनाव से पहले कई सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन NDA का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर नजर आ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और भाजपा के मजबूत संगठनात्मक ढांचे ने एनडीए को फायदा पहुंचाया है। वहीं, JDU के साथ गठबंधन ने सामाजिक समीकरणों को भी NDA के पक्ष में बनाए रखा।
महागठबंधन क्यों पिछड़ा?
दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने ‘रोजगार’ और ‘बदलाव’ के मुद्दे पर एक आक्रामक अभियान चलाया था, लेकिन यह रुझानों में वोटों में तब्दील होता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस और वाम दलों का कमजोर प्रदर्शन भी महागठबंधन के पिछड़ने का एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

मतगणना के कई दौर अभी बाकी हैं और आने वाले कुछ घंटों में तस्वीर और साफ होगी। फिलहाल, सभी की निगाहें चुनाव आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले आधिकारिक आंकड़ों पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन कोई वापसी कर पाता है या एनडीए अपनी इस बढ़त को जीत में बदलने में कामयाब होता है।