पटना: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बिहार इकाई ने भ्रष्टाचार और हत्या जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे एक नेता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने पटना के दानापुर निवासी नेता रामकिशोर सिंह उर्फ आरके सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह फैसला एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के निर्देश पर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने तक रामकिशोर सिंह निलंबित रहेंगे। इस कदम को पार्टी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत उठाया गया एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य पार्टी की छवि को साफ-सुथरा बनाए रखना है।
क्या हैं पूरा मामला?
मामले की शुरुआत एक वीडियो से हुई जो हाल ही में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में एक महिला, बीजेपी नेता रामकिशोर सिंह पर गंभीर आरोप लगा रही थी। महिला ने दावा किया कि सिंह ने नौकरी दिलाने के बहाने उनसे 5 लाख रुपये लिए थे।
महिला के अनुसार, जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो नेता ने उसे जान से मारने की धमकी दी। वीडियो में महिला ने यह भी आरोप लगाया कि रामकिशोर सिंह उसके बेटे की हत्या में भी शामिल थे। उसने यह भी कहा कि इस मामले की शिकायत उसने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वीडियो के सार्वजनिक होने और मामले के तूल पकड़ने के बाद पार्टी नेतृत्व हरकत में आया।
पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई
वायरल वीडियो और उसमें लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी की प्रदेश अनुशासन समिति ने इस मामले का संज्ञान लिया। समिति के अध्यक्ष विनय सिंह की अनुशंसा पर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने रामकिशोर सिंह के निलंबन का आदेश जारी किया।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय मंत्री सत्यपाल नरोत्तम द्वारा जारी निलंबन पत्र में कहा गया है, “आपके विरुद्ध सोशल मीडिया पर चल रही खबर का प्रदेश अनुशासन समिति ने स्वतः संज्ञान लिया है। आपके इस कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। अतः प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित किया जाता है।”
इस कार्रवाई के जरिए बीजेपी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी के भीतर किसी भी तरह के आपराधिक और भ्रष्ट आचरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल, रामकिशोर सिंह को जांच पूरी होने तक पार्टी की सभी जिम्मेदारियों और सदस्यता से मुक्त कर दिया गया है।