भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर के महीने में ही ठंड ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद वहां से आ रही सर्द हवाओं ने पूरे प्रदेश में ठिठुरन बढ़ा दी है। राज्य के कई शहरों में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है, जो इस महीने के हिसाब से एक रिकॉर्ड है। प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी 4.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तरी भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद वहां से मैदानी इलाकों की ओर ठंडी और शुष्क हवाएं चल रही हैं। इन्हीं हवाओं के असर से मध्य प्रदेश के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। अगले दो से तीन दिनों तक ठंड का यह दौर जारी रहने की संभावना है।
प्रमुख शहरों में पारे का हाल
प्रदेश के विभिन्न शहरों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखी गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पचमढ़ी के बाद राजगढ़ सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अन्य शहरों की बात करें तो:
- गुना: 7.4 डिग्री सेल्सियस
- दतिया: 7.5 डिग्री सेल्सियस
- ग्वालियर: 7.8 डिग्री सेल्सियस
- भोपाल: 11.6 डिग्री सेल्सियस
- इंदौर: 13.6 डिग्री सेल्सियस
- जबलपुर: 11.4 डिग्री सेल्सियस
- उज्जैन: 11.5 डिग्री सेल्सियस
इन आंकड़ों से साफ है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में ठंड का असर सबसे ज्यादा है, जबकि मालवा और महाकौशल क्षेत्र में भी रातें सर्द हो गई हैं।
मौसम विभाग का शीतलहर अलर्ट
तापमान में अचानक आई इस गिरावट को देखते हुए मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई हिस्सों के लिए शीतलहर (Cold Wave) का येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों के लिए है।
इसके अलावा उमरिया, छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों में भी शीतलहर चलने की चेतावनी दी गई है। विभाग ने लोगों को ठंड से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है। आमतौर पर दिसंबर के अंत या जनवरी में ऐसी ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार नवंबर में ही शीतलहर की स्थिति बन गई है।
जनजीवन पर असर
बढ़ती ठंड का असर आम जनजीवन पर भी दिखने लगा है। सुबह और शाम के समय लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है।