अक्सर लोग होंठों पर होने वाले किसी घाव या छाले को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह छोटी सी लापरवाही एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है, जिसे होंठ का कैंसर (Lip Cancer) कहते हैं। यह एक प्रकार का मुंह का कैंसर है, जो समय पर पहचान न होने पर जानलेवा साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, होंठों की त्वचा शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पतली होती है और धूप के सीधे संपर्क में आती है, जिससे इसका खतरा बढ़ जाता है। सही जानकारी और जागरूकता से इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानकर गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
क्या है होंठ का कैंसर?
होंठ का कैंसर, मुंह के कैंसर का ही एक रूप है जो होंठों की कोशिकाओं में शुरू होता है। यह आमतौर पर होंठों की स्क्वैमस कोशिकाओं (Squamous Cells) में विकसित होता है। यह ऊपरी या निचले, किसी भी होंठ पर हो सकता है, लेकिन निचले होंठ पर इसके मामले ज्यादा देखे जाते हैं। धूम्रपान करने वाले पुरुषों में इसका खतरा सबसे अधिक होता है।
इन शुरुआती लक्षणों को न करें नजरअंदाज
अगर आपके होंठ पर कोई बदलाव दो हफ्तों से ज्यादा समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। इसके कुछ प्रमुख शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं:
1. ठीक न होने वाला घाव: होंठ पर कोई ऐसा छाला, घाव या जख्म जो लंबे समय तक ठीक न हो रहा हो।
2. गांठ या सूजन: होंठ पर या उसके आसपास किसी तरह की गांठ, सूजन या मोटे हिस्से का महसूस होना।
3. रंग में बदलाव: होंठ पर लाल या सफेद रंग के धब्बे (पैच) दिखाई देना, जो सामान्य नहीं लगते।
4. खून बहना: होंठ के किसी खास हिस्से से बिना किसी वजह के खून निकलना।
5. दर्द या सुन्नपन: होंठ, मसूड़ों या मुंह के आसपास दर्द, झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होना।
6. जबड़े में सूजन: बिना किसी स्पष्ट कारण के जबड़े में सूजन आना।
7. आवाज में बदलाव: कुछ मामलों में आवाज में बदलाव भी इसका एक लक्षण हो सकता है।
होंठ के कैंसर के मुख्य कारण
होंठ के कैंसर का कोई एक निश्चित कारण नहीं है, लेकिन कुछ कारक इसके खतरे को काफी बढ़ा देते हैं।
तंबाकू का सेवन: सिगरेट, बीड़ी, सिगार, हुक्का या खैनी, गुटखा जैसे चबाने वाले तंबाकू का सेवन इसका सबसे बड़ा कारण है। तंबाकू में मौजूद रसायन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।
शराब का सेवन: अत्यधिक शराब पीने से भी होंठ के कैंसर का खतरा बढ़ता है। शराब और तंबाकू का एक साथ सेवन इस खतरे को कई गुना बढ़ा देता है।
धूप का संपर्क: सूरज की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से होंठों की कोशिकाओं के DNA को नुकसान पहुंचता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
कमजोर इम्यून सिस्टम: जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें भी इसका खतरा अधिक होता है।
जांच और बचाव के उपाय
यदि yukarıdaki में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर शारीरिक जांच के बाद जरूरत पड़ने पर बायोप्सी (Biopsy) की सलाह दे सकते हैं। बायोप्सी में प्रभावित हिस्से से ऊतक का एक छोटा नमूना लेकर लैब में जांच के लिए भेजा जाता है, जिससे कैंसर की पुष्टि होती है।
इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए कुछ आदतें अपनाना बेहद जरूरी है:
- तंबाकू और शराब के सेवन से पूरी तरह बचें।
- धूप में निकलते समय SPF युक्त लिप बाम का इस्तेमाल करें।
- अपने होंठों की नियमित रूप से जांच करें और किसी भी बदलाव पर ध्यान दें।
- संतुलित आहार लें और अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखें।
शुरुआती चरण में पता चलने पर होंठ के कैंसर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी या कीमोथेरेपी के जरिए सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसलिए, लक्षणों को नजरअंदाज करने की गलती बिल्कुल न करें।