MP मतदाता सूची: काम में सुस्ती पर चुनाव आयोग सख्त, भोपाल-इंदौर समेत कई कलेक्टरों को चेतावनी, एक BLO निलंबित

भोपाल: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट करने के काम में हो रही देरी पर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग ने भोपाल, इंदौर और ग्वालियर समेत कई जिलों में मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) कार्यक्रम की धीमी गति पर गहरी अप्रसन्नता व्यक्त की है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर भोपाल के एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

यह निर्देश मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल की अध्यक्षता में हुई एक वर्चुअल समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए। बैठक में प्रदेश के सभी 52 जिलों के कलेक्टर और निर्वाचन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित और समावेशी बनाने के काम में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इन जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक

आयोग की समीक्षा में पाया गया कि कई बड़े और महत्वपूर्ण जिलों में भी मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम संतोषजनक नहीं है। नए मतदाताओं को जोड़ने (फॉर्म 6), नाम हटाने (फॉर्म 7) और जानकारी में सुधार (फॉर्म 8) से जुड़े आवेदनों के निपटारे की रफ्तार बेहद सुस्त है।

सूत्रों के अनुसार, जिन जिलों का प्रदर्शन कमजोर पाया गया उनमें राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सतना, सागर, छतरपुर, सीधी, सिंगरौली, मुरैना और भिंड जैसे जिले शामिल हैं। आयोग ने इन जिलों के कलेक्टरों को काम में तेजी लाने के लिए सख्त चेतावनी दी है।

लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश

चुनाव आयोग ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन का काम सुनिश्चित करें। आयोग ने कहा, “1 अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले हर एक युवा का नाम मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए। इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं होनी चाहिए।”

इसी सख्ती के तहत, भोपाल में एक बीएलओ को अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आयोग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे काम न करने वाले या लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह की कठोर कार्रवाई करें। पुनरीक्षण कार्यक्रम की अंतिम तिथि 31 अगस्त है, और आयोग चाहता है कि इससे पहले सभी लंबित आवेदनों का निपटारा कर लिया जाए।