Dhaka News : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। ढाका स्थित इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने उन्हें 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हत्याओं और मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी पाया। अदालत ने उन्हें हत्या के लिए उकसाने और आदेश देने का मास्टरमाइंड करार दिया है।
गौरतलब है कि शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं और बांग्लादेश से उन्हें फरार घोषित किया गया है। उन्होंने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है। अदालत ने हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी 12 लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई है।
कई अन्य भी दोषी, संपत्ति जब्त करने का आदेश
सूत्रो के मुताबिक इस मामले में तीसरे आरोपी और पूर्व आईजीपी अब्दुल्ला अल-ममून सरकारी गवाह बन गए थे, जिसके चलते उन्हें 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने शेख हसीना और असदुज्जमां खान की बांग्लादेश में मौजूद सभी संपत्तियों को जब्त करने का भी आदेश दिया है। दोनों ही आरोपी देश से फरार हैं।
हसीना पर लगे ये 5 संगीन आरोप
ट्रिब्यूनल की चार्जशीट में शेख हसीना पर पांच मुख्य आरोप लगाए गए थे, जिनके आधार पर उन्हें दोषी ठहराया गया:
1. हिंसा के लिए उकसाना: हसीना पर पुलिस और अपनी पार्टी अवामी लीग के सशस्त्र कार्यकर्ताओं को आम नागरिकों और प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप था। चार्जशीट के मुताबिक, उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
2. घातक हथियारों का इस्तेमाल: आरोप है कि उन्होंने छात्र प्रदर्शनकारियों को दबाने के लिए घातक हथियारों, हेलीकॉप्टर और ड्रोन के इस्तेमाल का सीधा आदेश दिया था।
3. छात्र की हत्या की साजिश: 16 जुलाई को बेगम रौकेया यूनिवर्सिटी के छात्र अबू सैयद की हत्या के मामले में हसीना और अन्य पर साजिश रचने और हत्या का आदेश देने का आरोप लगाया गया।
4. निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या: 5 अगस्त को ढाका के चांखारपुल इलाके में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि यह हत्याएं हसीना के सीधे आदेश और उकसावे पर की गईं।
5. शवों को जलाना: पांचवें आरोप में कहा गया है कि पांच प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने के बाद उनके शवों को जला दिया गया। इसके अलावा एक प्रदर्शनकारी को जिंदा जलाने का भी आरोप है।