CM हेल्पलाइन शिकायतों में देरी पर इंदौर कलेक्टर का कड़ा एक्शन, बोले- ‘अधिकारियों के वेतन से होगी हर्जाने की वसूली’

Indore News : मध्यप्रदेश में अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (CM Helpline) पर दर्ज शिकायतों के निपटारे में देरी अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को भारी पड़ेगी। इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने सुशासन की दिशा में एक कड़ा कदम उठाते हुए नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत शिकायतों की समीक्षा के लिए आवेदकों और संबंधित अधिकारियों को आमने-सामने बुलाया जा रहा है।
अपनी पहली ही बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आवेदकों को हुए नुकसान की भरपाई दोषी अधिकारियों के वेतन से काटकर की जाएगी। ये पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिछले दिनों इंदौर में किए गए औचक निरीक्षण के बाद प्रशासनिक व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से की गई है। कलेक्टर ने साफ किया है कि जन शिकायतों के समाधान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अधिकारियों के वेतन से कटेगी हर्जाने की राशि
सोमवार को हुई समय-सीमा (टीएल) पत्रों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर वर्मा ने इस नई पहल की शुरुआत की। बैठक में सीएम हेल्पलाइन के पांच पुराने और लंबित मामलों को रैंडम तरीके से चुना गया। कलेक्टर ने शिकायतकर्ताओं से सीधे उनकी समस्याएं सुनीं और मौके पर मौजूद अधिकारियों से जवाब-तलब किया।
जब यह पाया गया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण आवेदकों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा, तो कलेक्टर ने तत्काल क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि यह राशि फिलहाल रेडक्रॉस सोसाइटी से दी जाए, लेकिन बाद में इसे जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से काटकर रेडक्रॉस के खाते में जमा कराया जाएगा।

“जन शिकायतों के समाधान में अनावश्यक देरी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समीक्षा में जहां-जहां अनावश्यक विलंब पाया जाएगा, वहां उत्तरदायी अधिकारियों से वेतन कटौती की जाएगी।” — शिवम वर्मा, कलेक्टर, इंदौर

तीन दिन में रिपोर्ट, होगी विभागीय कार्रवाई
कलेक्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों को इन मामलों की विस्तृत जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जांच में लापरवाही या जानबूझकर देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बैठक में आवेदक राजेश कुमार फूलरे, राजेश सोनकर, चमनलाल जैन, भारती भार्गव और मोहम्मद नसीजी की शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया गया और उन्हें हुए नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया गया।
कलेक्टर वर्मा ने कहा कि यह प्रक्रिया भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रहेगी ताकि हर मामले का समय पर और प्रभावी निराकरण सुनिश्चित हो सके।
अन्य अभियानों में भी तेजी लाने के निर्देश
बैठक के दौरान कलेक्टर ने शहर में यातायात सुधार और मिलावटखोरों के खिलाफ चल रहे अभियानों को भी तेजी से जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम जनता से जुड़े हर मुद्दे पर प्रशासन को संवेदनशील और त्वरित होना चाहिए।
इस बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. परीक्षित झाड़े, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार, रोशन राय, रिंकेश वैश्य तथा निशा डामोर समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।