पीरियड्स में बाल धोना: एक्सपर्ट्स ने खारिज की पुरानी धारणा, जानिए विज्ञान से जुड़ा सच

Menstruation Myths : सदियों से भारतीय समाज में पीरियड्स को लेकर कई तरह की धारणाएं और नियम प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक है कि मासिक धर्म के शुरुआती दिनों में महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से ब्लीडिंग पर असर पड़ता है। लेकिन, मेडिकल एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक तथ्य इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पीरियड्स के दौरान बाल धोना पूरी तरह सुरक्षित है और इसका शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह सिर्फ एक मिथक है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। बल्कि, इस दौरान स्वच्छता बनाए रखना और भी जरूरी हो जाता है।
क्या है मिथक और क्यों है गलत?
पुरानी मान्यताओं के अनुसार, पीरियड्स के दौरान शरीर से गंदगी बाहर निकलती है और इस प्रक्रिया के लिए शरीर का गर्म रहना जरूरी है। ऐसा माना जाता था कि बाल धोने से शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे ब्लीडिंग रुक सकती है या कम हो सकती है। इससे भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
हालांकि, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट (NICHD) के अनुसार, पीरियड एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है। इसमें गर्भाशय की परत से रक्त और ऊतक शरीर से बाहर निकलते हैं। इसका संबंध सिर धोने या शरीर के बाहरी तापमान से नहीं होता है। बाल धोने से शरीर का तापमान इतना नहीं गिरता कि वह गर्भाशय के कामकाज को प्रभावित कर सके।
स्कैल्प की सेहत क्यों है जरूरी?
बालों को लंबे समय तक न धोने से स्कैल्प और बालों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारी स्कैल्प प्राकृतिक रूप से सीबम (तेल) का उत्पादन करती है। यह त्वचा को नमी देता है और संक्रमण से बचाता है।
जब बाल नहीं धोए जाते, तो स्कैल्प पर सीबम, पसीना, गंदगी और धूल जमा होने लगती है। इससे बाल चिपचिपे हो जाते हैं, बदबू आने लगती है और फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
‘जर्नल ऑफ स्किन अपेंडेज डिसऑर्डर्स’ में प्रकाशित एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है कि नियमित रूप से बाल न धोने से स्कैल्प पर मौजूद सीबम रासायनिक रूप से बदलकर त्वचा में जलन पैदा कर सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग कम बाल धोते हैं, उनमें डैंड्रफ और स्कैल्प से जुड़ी अन्य समस्याएं अधिक होती हैं।
मासिक धर्म चक्र को समझें
NICHD के अनुसार, मासिक धर्म चक्र एक मासिक प्रक्रिया है, जिसमें शरीर गर्भधारण की तैयारी करता है। इस दौरान एक अंडा रिलीज होता है और गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है। जब गर्भधारण नहीं होता, तो यही परत रक्त के रूप में बाहर निकल जाती है, जिसे पीरियड कहते हैं।
एक औसत मासिक चक्र 28 दिनों का होता है, लेकिन यह हर महिला में अलग हो सकता है। किशोरियों में यह 21 से 45 दिन और वयस्क महिलाओं में 21 से 35 दिन का हो सकता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 10 से 16 साल की उम्र में शुरू होती है और 45 से 55 साल की उम्र में मेनोपॉज के साथ खत्म होती है।
निष्कर्ष यह है कि पीरियड्स के दौरान बाल न धोने की बात महज एक मिथक है। महिलाओं को अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। नहाने और बाल धोने जैसी सामान्य आदतें पीरियड्स के दौरान भी उतनी ही जरूरी हैं, जितनी सामान्य दिनों में।
Disclaimer: यह लेख रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।