भोपाल। मध्य प्रदेश इन दिनों कड़ाके की ठंड और भीषण शीतलहर का सामना कर रहा है। उत्तरी हवाओं के कारण प्रदेश के कई शहरों में तापमान रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया है। ग्वालियर में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया, जहां न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, राजधानी भोपाल में भी पारा 5.8 डिग्री पर पहुंच गया, जो बीते तीन सालों में सबसे कम है।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश हिस्से घने कोहरे और शीतलहर की चपेट में हैं। इस स्थिति के अगले कुछ दिनों तक बने रहने की संभावना है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
कई शहरों में पारा 5 डिग्री से नीचे
प्रदेश के विभिन्न शहरों में ठंड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पचमढ़ी 2.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके अलावा मलाजखंड में 2.5 डिग्री, नौगांव में 3.1 डिग्री, जबलपुर में 5.6 डिग्री और इंदौर में 7.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। कई जिलों में दिन का तापमान भी सामान्य से काफी नीचे बना हुआ है, जिससे दिन में भी कंपकंपी छूट रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
लगातार गिरते तापमान और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक विस्तृत स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने लोगों से ठंड से बचने के लिए जरूरी उपाय अपनाने की अपील की है।
क्या करें:
- जितना संभव हो घर के अंदर रहें और गर्म पेय पदार्थों का सेवन करते रहें।
- शरीर की गर्मी बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।
- गर्म कपड़े पहनें। एक मोटे कपड़े के बजाय कई परतों में ढीले-ढाले कपड़े पहनना ज्यादा फायदेमंद है।
- सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढकने के लिए टोपी, मफलर, दस्ताने और मोजे का उपयोग करें।
- यदि कंपकंपी महसूस हो, तो तुरंत किसी गर्म स्थान पर जाएं और गर्म पेय पिएं।
क्या न करें:
- अत्यधिक ठंड में बाहर जाने से बचें, खासकर बुजुर्ग और बच्चे।
- शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को और कम कर सकता है।
- ठंड से प्रभावित व्यक्ति को मालिश करने से बचें, इससे नुकसान हो सकता है।
- बेहोशी की स्थिति में व्यक्ति को कोई भी तरल पदार्थ देने की कोशिश न करें।
बच्चों और बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिससे वे जल्दी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। उन्हें हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक गिर जाना) और फ्रॉस्टबाइट (ठंड से त्वचा का गलना) का खतरा अधिक होता है।
विभाग ने सलाह दी है कि बच्चों को घर के अंदर रखें और सुनिश्चित करें कि वे गर्म कपड़ों में हों। बुजुर्गों को भी अकेले बाहर नहीं निकलना चाहिए और अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच करानी चाहिए।