Seoni News : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित सिवनी हवाला लूट कांड में एक और सनसनीखेज मोड़ आया है। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने बालाघाट हॉक फोर्स के DSP पंकज मिश्रा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रो के अनुसार मिश्रा वही वह ‘सर’ हैं, जिनसे निलंबित CSP पूजा पांडेय ने लूट वाली रात कई बार फोन पर बात की थी।
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में जबलपुर क्राइम ब्रांच का एक आरक्षक, पूजा पांडेय का एक रिश्तेदार और एक मुखबिर शामिल है। पुलिस ने चारों को सिवनी कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 20 नवंबर तक की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में CSP पूजा पांडेय समेत 12 आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
कौन हैं DSP मिश्रा और कैसे जुड़े तार?
जांच में सामने आया है कि DSP पंकज मिश्रा ही वह शख्स हैं, जिनका जिक्र पूजा पांडेय की कॉल डिटेल्स में ‘सर’ के नाम से हो रहा था। पुलिस के अनुसार, 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात को जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रदीप सोनी को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक सफेद गाड़ी में 2.96 करोड़ रुपये की हवाला रकम जबलपुर से सिवनी के रास्ते नागपुर जा रही है।
आरक्षक सोनी ने यह जानकारी बालाघाट में तैनात DSP पंकज मिश्रा को दी। इसके बाद DSP मिश्रा ने यह सूचना सिवनी की तत्कालीन CSP पूजा पांडेय को फॉरवर्ड की। पूजा पांडेय और पंकज मिश्रा एक ही बैच के अधिकारी हैं। इसी सूचना के आधार पर पूजा पांडेय और उनकी टीम पर NH-44 पर गाड़ी रोककर 1.47 करोड़ रुपये लूटने का आरोप है।
गिरफ्तारी से पहले DSP ने दी थी यह सफाई
इस मामले में नाम सामने आने के बाद DSP पंकज मिश्रा ने मीडिया को अपनी सफाई भी दी थी। उन्होंने बताया था कि उनकी भूमिका सिर्फ सूचना देने तक सीमित थी। उन्होंने कहा कि – “जबलपुर के आरक्षक ने मुझे बताया कि हवाला की रकम सिवनी की तरफ जा रही है। उसे लगा कि मैं सिवनी में पदस्थ हूं। मैंने उसे सीधे सिवनी CSP से बात करने को कहा, लेकिन उसके कहने पर मैंने पूजा पांडेय को जानकारी दे दी। पूजा मेरे ही बैच की हैं, पर 4-5 साल से बात नहीं हुई थी।”
मिश्रा ने यह भी स्वीकार किया था कि जब पूजा पांडेय को गाड़ी में कैश नहीं मिला, तो उन्होंने रात में कई बार कॉल किया। मिश्रा के मुताबिक, उन्होंने जबलपुर के आरक्षक से कन्फर्म करने के बाद पूजा को गाड़ी ठीक से चेक करने को कहा था। कैश मिलने के बाद उनकी आखिरी बार बात हुई और अगले दिन उन्हें मीडिया से लूट की घटना का पता चला।
साजिश में शामिल होने के मिले सबूत
मामले की जांच के लिए बनी SIT के एक अधिकारी के मुताबिक, DSP पंकज मिश्रा और आरक्षक के बयान पहले ही दर्ज कर लिए गए थे। लेकिन जांच के दौरान SIT को इस पूरी साजिश में इन चारों की संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिले। सबूतों के आधार पर ही क्राइम ब्रांच ने इन सभी की गिरफ्तारी की है। अब तक इस हाई-प्रोफाइल मामले में कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच जारी है।