Indore News : इंदौर में 72 वर्षीय गंगा वर्मा ने अपने 46 वर्षीय बेटे कमलेश वर्मा को किडनी देकर उसे नया जीवन दिया है। यह प्रेरणादायक सर्जरी इंदौर के सरकारी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हुई, जहां हाल ही में तीन सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं। खास बात यह है कि तीनों मामलों में डोनर मां ही रही हैं। अस्पताल में जल्द ही एक और ट्रांसप्लांट होना है, जिसमें भी मां ही बेटे को किडनी देगी।
मिली जानकारी के अनुसार सदर बाजार निवासी कमलेश वर्मा लॉन्ड्री चलाते हैं। परिवार में पत्नी पुष्पा, 11 वर्षीय बेटा जय, माता गंगा और पिता ओमप्रकाश वर्मा रहते हैं। वर्ष 2022 में कमलेश की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। हाथ-पैर में दर्द और पेशाब में परेशानी के बाद जब उन्होंने गीता भवन अस्पताल में जांच कराई, तो पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। एक साल तक वहां डायलिसिस चला, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
इसके बाद परिवार ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि सरकारी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत ट्रांसप्लांट संभव है। जांचों में पुष्टि हुई कि कमलेश की दोनों किडनियां पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। डॉक्टरों के अनुसार, जन्म के दौरान किडनी डेवलपमेंट में दोष होने के कारण ऐसी स्थिति बनती है। दो साल तक डायलिसिस के बाद परिवार ने स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTO) में रजिस्ट्रेशन कराया।
अस्पताल के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के निर्देशन में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विशाल कीर्ति जैन और डॉ. रितेश कुमार बनोडे की टीम ने 30 सितंबर को ट्रांसप्लांट किया। सर्जरी तीन चरणों में हुई — प्री ऑपरेटिव असेसमेंट, इंट्रा ऑपरेटिव मैनेजमेंट और पोस्ट ऑपरेटिव मॉनिटरिंग। एनेस्थीसिया और सर्जरी टीम ने एक साथ दोनों सर्जरी की तैयारी की थी।
करीब तीन घंटे चली सर्जरी के बाद सबसे बड़ी चुनौती रिजेक्शन को रोकना थी। डॉक्टरों ने मरीज के यूरिन आउटपुट, किडनी फंक्शन और क्रिएटिन स्तर पर लगातार नजर रखी। सभी पैरामीटर सामान्य रहे।
एक हफ्ते बाद गंगा वर्मा को डिस्चार्ज किया गया, जबकि कमलेश 13 अक्टूबर को पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आए। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह केस न केवल मेडिकल उपलब्धि है, बल्कि मां के अद्भुत साहस और प्रेम की मिसाल भी है।