किसानों के हित में बड़ा कदम, एमपीआईडीसी ने दिया करोड़ों का भूखंड मुआवजा

इंदौर के समीप विकसित की जा रही पीथमपुर सेवन स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए अपनी कृषि भूमि देने वाले स्थानीय किसानों को एमपीआईडीसी (मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम), इंदौर द्वारा आज उनके हिस्से का मुआवजा भूखंड के रूप में प्रदान कर दिया गया। इस प्रक्रिया में किसानों को कुल ₹7.86 करोड़ (7,86,70,153 रुपए) मूल्य के 2 व्यावसायिक और 78 आवासीय भूखंड आवंटित किए गए।

भूमि अधिग्रहण में निभाई गई पारदर्शिता और सहमति की नीति

एमपीआईडीसी इंदौर के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति ने जानकारी दी कि इस परियोजना के लिए किसानों से भूमि पूरी सहमति के साथ ली गई थी। इसके बदले किसानों के साथ किया गया अनुबंध पूरी तरह पारदर्शी रहा और उनके हितों को प्राथमिकता दी गई। भूमि के बदले मुआवजा कलेक्टर गाइडलाइन रेट से दोगुना निर्धारित किया गया है, जिससे किसानों को न्यायोचित लाभ मिल सके।

मुआवजे का मिश्रित मॉडल: नगद और भूखंड दोनों का लाभ

इस मुआवजा प्रक्रिया में किसानों को 20% राशि नगद प्रदान की गई, जबकि शेष 80% राशि के बदले आवासीय भूखंड दिए गए। इससे किसानों को दीर्घकालिक संपत्ति का लाभ भी मिला और आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई। जो किसान आज भूखंड प्राप्त कर रहे हैं, उन्होंने साल 2021 में अपनी जमीनें इस औद्योगिक परियोजना के लिए सौंपी थीं।

स्थानीय विकास की दिशा में सकारात्मक पहल

पीथमपुर सेवन टाउनशिप परियोजना केवल औद्योगिक विस्तार नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक रूप से भी क्षेत्रीय विकास की नींव रख रही है। किसानों को मुआवजे के रूप में भूखंड देकर सरकार और विकास निगम ने यह साबित किया है कि जब परियोजनाएं सहमति और पारदर्शिता से संचालित होती हैं, तो सभी हितधारकों को उसका लाभ मिलता है।