tender प्रक्रिया स्पष्ट न होने व तकनीकी शर्तों का पालन न करने का मामला आया सामने

स्वतंत्र समय, औबेदुल्लागंज

नगर परिषद द्वारा नियमों के साथ टेंडर (tender) प्रक्रिया न होने व तकनीकि स्वीकृति लेने की शतों का पालन न करने को लेकर नगरीय निकाय संचालनालय ने उपयंत्री मुकेश जैन को निर्माण कार्ययो की फाइलों के साथ शुक्रवार को भोपाल तलब किया गया है। दरअसल, किसी भी सडक़ निर्माण के लिए नगरीय निकाय भोपाल जब तकनीकि स्वीकृति जारी करता है तो उसमें सडक़ों की लंबाई के साथ सडक़ किसके घर से कहां तक बनेगी, उसका जिक्र होता है। साथ ही नीचे शर्तें लिखी होती है तो विभिन्न विभागों की अनुमति मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होता।

tender की निविदा जारी करने में गड़बड़ी

इससे पहले नप में जितने भी सडक़ निर्माण कार्यों के टेंडर (tender) की निविदा जारी की उसमें सडक़ की दिशा खोली जाती थी। पार्षद लंबे समय से आरोप लगा रहे है कि नप विभिन्न वार्डों में नाली निर्माण की निविदा में ऐसे ही गड़बड़ी करती है, जिसमें दिशा न खोलने के कारण फर्जीवाड़ा होता है, लेकिन अब नप ने अर्जुननगर की सडक़ में भी ऐसा ही हुआ जो दुकान लेता, ठगा जाता। नप ने राजस्व के साथ टीएंडसीपी की अनुमति लेना जरूरी नहीं समझा, जबकि जनता को अधिकारी उसकी अनुमति लेने के लिए परेशान करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर दुकानदारों ने बताया कि यदि नप की अनियमितता नहीं खुलती और लाखों रुपए की दुकानें खरीदने के बैंक कर्ज लेने जाते तो बैंक भी बिना टीएंडसीपी की अनुमति कर्ज नहीं देती। 10 साल के अंदर एक सडक़ को तीसरी बनाने का खाका तैयार ही किया जिससे अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुल गई। ई-निविदा में सडक़ों की दिशा नहीं जाहिर करते।

इनका कहना है

ई-निविदा में सडक़ों की दिशा नहीं जाहिर करते हैं. जो ठेकेदार टेंडर डालते हैं वह ऑनलाइन देख सकते हैं।
– मुकेश जैन, सब इंजीनियर
पैसे बचाने के लिए नाम नहीं छापे
निविदा में यदि सडक़ किसके घर से किसके घर तक बननी है, यह जानकारी लिखते, तो निविदा बड़ी हो जाती। पैसे बचाने नाम नहीं छापे गए।
– चंद्रभान जैन, बाबू, निर्माण शाखा