ज्ञानेश कुमार : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मंगलवार को कहा कि नागरिकों को सिर्फ वहीं वोटर बनना चाहिए, जहां वे आम तौर पर रहते हैं, न कि जहां उनका पुराना घर या मूल निवास है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार वोट देने का अधिकार उसी विधानसभा क्षेत्र में होता है जहां व्यक्ति सामान्य रूप से निवास करता है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दिल्ली में रहता है और उसका घर पटना में है, तो उसका वोट दिल्ली में होना चाहिए।
यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब बिहार में मतदाता सूची की गहन जांच हो रही है और विपक्ष ने आशंका जताई है कि कई नाम हटाए जा सकते हैं। आयोग ने कहा कि एक से अधिक जगह वोटर कार्ड रखना अपराध है और जांच का मकसद ऐसे मामलों की पहचान करना है।
विपक्षी दलों से बातचीत की ईसी की बैठक फिलहाल स्थगित
निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर कांग्रेस की मांग पर विपक्षी दलों के साथ तय बैठक स्थगित कर दी है। आयोग के अनुसार, अब तक किसी भी दल ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की थी। कांग्रेस ने 30 जून को ईमेल भेजकर 2 जुलाई को बैठक की मांग की थी। आयोग ने शाम 5 बजे का समय तय किया था, लेकिन पुष्टि नहीं मिलने पर बैठक टाल दी गई।
चुनाव आयोग से मिले तृणमूल नेता, उठाए अहम मुद्दे
तृणमूल कांग्रेस के पांच नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग की टीम से मुलाकात की। उन्होंने सुझाव दिया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए 2024 को आधार वर्ष माना जाए। इसके अलावा पार्टी ने दस्तावेज मांगे जाने के मुद्दे पर भी बात की। तृणमूल नेताओं ने कहा कि मतदाताओं को परेशानी न हो, इसलिए प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जाए।