मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां ताला कोर जोन में पदस्थ डिप्टी रेंजर लल्लू लाल दीक्षित ने कथित रूप से अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्महत्या की कोशिश की। बताया जा रहा है कि उन्होंने देर रात जंगल के भीतर बने एक कुएं में कूदकर जान देने की कोशिश की, लेकिन समय रहते रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाहर निकाल लिया। फिलहाल उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
व्हाट्सएप पर छोड़ा सुसाइड नोट
घटना से ठीक पहले लल्लू लाल दीक्षित ने व्हाट्सएप पर एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी एसडीओ दिलीप सिंह मराठा और रेंजर राहुल किरार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नोट में लिखा गया है कि दोनों अधिकारी लगातार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे और उनकी हत्या की साजिश रच रहे थे। दीक्षित ने यहां तक लिखा कि ये दोनों उनके ही सहयोगियों — राजकुमार यादव और राजकुमार मिश्रा (फॉरेस्ट गार्ड) — के जरिए उनकी हत्या करवाना चाहते हैं।
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा,
“मैं अपने दोस्तों के हाथों मरना नहीं चाहता, इसलिए खुद अपनी जान दे रहा हूं। अगर मुझे कुछ हो जाए तो इसके जिम्मेदार दिलीप सिंह मराठा और राहुल किरार होंगे।” उन्होंने यह भी आशंका जताई थी कि उनकी हत्या कर शव को जंगल के अंदर कहीं फेंक दिया जाएगा, जिससे यह घटना आत्महत्या जैसी लगे।
रात के अंधेरे में हुई घटना
यह घटना रात के करीब 12 बजे की बताई जा रही है। बताया जाता है कि दीक्षित का अपने वरिष्ठ अधिकारियों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद उन्होंने गुस्से और तनाव में आकर यह कदम उठा लिया। जंगल के अंदर एक कुएं में कूदने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया और उन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। उन्हें पहले मानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत नाजुक बताते हुए शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
डॉक्टरों ने बताई स्थिति
सीएचसी मानपुर के ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि जब लल्लू लाल दीक्षित को लाया गया, तब उनके वाइटल्स स्थिर नहीं थे, यानी ब्लड प्रेशर और पल्स रेट लगातार ऊपर-नीचे हो रहे थे। डॉक्टरों के अनुसार, उनके शरीर पर गंभीर चोट के निशान नहीं थे, केवल ठोड़ी पर एक घाव था जो संभवतः कुएं में गिरते समय लगा होगा। रातभर अस्पताल परिसर में वन विभाग के अधिकारी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। सभी अधिकारी लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।
जांच में जुटा पार्क प्रबंधन
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. अनुपम सहाय ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, घटना की जानकारी हमें मिल चुकी है। फिलहाल जांच चल रही है। सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि पूरी टीम घटनास्थल और बयान दोनों की जांच कर रही है।
एसडीओ पर पहले भी लगे थे आरोप
इस मामले में जिन एसडीओ दिलीप सिंह मराठा का नाम आया है, उन पर पहले भी अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज के आरोप लग चुके हैं। वन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ कई ग्रामीणों ने भी उनके खिलाफ शिकायतें की थीं। कुछ महीने पहले उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे अपशब्द बोलते सुने गए थे। इसके बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड भी किया था, हालांकि बाद में वे दोबारा सेवा में लौट आए। इस बार डिप्टी रेंजर के आत्महत्या प्रयास के बाद एक बार फिर उनके आचरण पर सवाल उठ रहे हैं।
विभाग में मचा हड़कंप
डिप्टी रेंजर द्वारा आत्महत्या की कोशिश की खबर ने पूरे वन विभाग में हलचल मचा दी है। कर्मचारी एक ओर हैरान हैं तो दूसरी ओर आक्रोश में भी हैं। कई लोगों का कहना है कि अगर अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार होता रहा तो मैदानी स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों का मनोबल टूट जाएगा। वहीं स्थानीय लोग भी इस घटना से दुखी हैं। उनका कहना है कि लल्लू लाल दीक्षित एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी के रूप में जाने जाते थे, और उन्हें इस तरह के कदम तक पहुंचना बहुत दुखद है।