इंदौर- वर्तमान में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये, इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह के दिशा निर्देशन में, इंदौर पुलिस द्वारा लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में शहर में आयोजित प्रबुद्धजनों के व्याख्यानों के विशेष कार्यक्रम Lit चौक में भी साइबर अपराधों के प्रति जनजागृति के लिए साइबर फ्रॉड-नया गौरखधंधा विषय पर एक इंटरव्यू कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सायबर अवेयरनेस के तहत आयोजित उक्त कार्यक्रम में एडीशनल डीसीपी क्राइम इंदौर श्री राजेश दंडोतिया से माय FM की RJ आयुषी द्वारा वर्तमान के साइबर अपराधों को लेकर प्रश्नोत्तर किए। जिस पर एडीशनल डीसीपी ने वहां उपस्थित प्रबुद्धजन, समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले गणमान्य नागरिकों, सीनियर सिटीजन और स्टूडेंट्स सहित करीब 400 लोगों को वर्तमान समय के विभिन्न प्रकार के साइबर फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड,डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, ओटीपी फ्रॉड, फिशिंग, बुलिंग और सोशल मीडिया से संबंधित साइबर अपराधों की जानकारी दी और साइबर अपराध होने पर साइबर हेल्पलाइन-1930, पोर्टल cybercrime.gov.in, इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 7049124445 आदि पर किस प्रकार शिकायत करें तथा पुलिस इन पर किस प्रकार कार्यवाही करती है और साइबर अपराधों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें आदि के संबंध में बताया।
उन्होंने सभी से कहा कि, वर्चुअल वर्ल्ड के अपराधी अदृश्य है इस वजह से ही ये साइबर फ्रॉड का गौरखधंधा चला रहे है, और इसको सतर्क व जागरूक रहकर ही नियंत्रित किया जा सकता हैं। ये साइबर क्रिमिनल्स, लालच देकर, डर दिखाकर या फिर हमारी लापरवाही का फायदा उठाकर ही फ्रॉड कर रहे है, अगर हमने इन तीन बातों पर सतर्कता पूर्वक ध्यान रख लिया तो बहुत हद तक हम इन साइबर अपराधों से बच जाएंगे। अतः हम ऑनलाइन और फाइनेंशियल काम करते समय पूर्ण सतर्कता और सावधानी रखे और अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर न करें।