मिठाई और मठरी के लिए 5 साल तक “एक पिता ने लड़ी लड़ाई” – अब कूरियर कंपनी को देना होगा 23 हजार का हर्जाना

उपभोक्ता यदि ठान ले तो कंपनी या सेवादाता संस्था को सबक सीखा सकता है। ऐसा ही एक मामला भोपाल शहर में सामने आया है जहां एक पिता ने अपने बेटे को समय पर मिठाइंया ना पहुंचाने पर कूरियर कंपनी को कोर्ट में घसीट दिया। एक पिता ने उपभोक्ता अधिकारों की ताकत और एक पिता की अपने बेटे के लिए चिंता को उजागर कर दिया। मामला ऐसा था कि मां के हाथों से बनी दिवाली की मिठाई, मठरी और सूखे मेवे जब स्पेन में रहने वाले बेटे तक नहीं पहुंचे, तो पिता ने इसे हल्के में नहीं लिया। उन्होंने सीधे कूरियर कंपनी पर केस ठोक दिया!

दिपावली पर भेजी थी मिठाई

दरअसल, भोपाल के सुरेंद्र गार्डन निवासी रवि श्रीवास्तव ने अक्टूबर 2019 में डीटीडीसी एक्सप्रेस और फेडरल एक्सप्रेस एंड सप्लाई चेन के माध्यम से अपने बेटे को दिवाली पर मिठाई और नमकीन भेजी थी। करीब 5 किलो वज़न का यह पैकेट बार्सिलोना (स्पेन) के लिए रवाना किया गया था। इसमें मां के हाथों से बनी मिठाइयों के साथ नमकीन और ड्राय फ्रूट्स भी थे। लेकिन जब 12 दिन बाद भी बेटे के पास पार्सल नहीं पहुंचा, तो रवि श्रीवास्तव ने जब कंपनी से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि पार्सल दिल्ली वापस भेज दिया गया है। बाद में एक ईमेल के जरिए सूचित किया गया कि स्पेन में खाद्य सामग्री भेजना प्रतिबंधित है, इसलिए डिलीवरी नहीं हो सकी।

कंपनी ने दिया धोखा

रवि श्रीवास्तव का आरोप था कि कूरियर कंपनी को स्पेन के नियमों की जानकारी पहले से थी, बावजूद इसके उन्हें सच नहीं बताया गया। उल्टा, उनके सामने खुद कंपनी के कर्मचारियों ने खाद्य सामग्री की पैकिंग की थी। इस सेवा के लिए उन्होंने 6400 रुपये खर्च किए, जबकि सामग्री की कीमत 4000 रुपये थी। इस सबके साथ, उन्हें और उनके बेटे को भावनात्मक आघात भी पहुंचा। कंपनी की ओर से जवाब दिया गया कि उपभोक्ता ने कंसाइनमेंट फॉर्म में जोखिम को स्वीकार किया था। लेकिन उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह और सदस्य प्रीति मुद्गल की बेंच ने इसे गैरजिम्मेदाराना व्यवहार बताया। आयोग ने कहा कि कूरियर कंपनी ने माता-पिता की भावनाओं को जानबूझकर नजरअंदाज किया। आयोग ने कूरियर कंपनी को दो महीने के भीतर 6400 रुपये पार्सल व्यय, 1350 रुपये सामग्री मूल्य और 15,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति सहित कुल 23,000 रुपये हर्जाने के तौर पर अदा करने का आदेश दिया है।