सांवेर के पंचडेरिया में पटाखा यूनिट फटी, जोरदार विस्फोट में दो लोग गंभीर झुलसे, वेल्डिंग की चिंगारी से भड़का हादसा

सोमवार को सांवेर क्षेत्र के पंचडेरिया गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब रिहायशी इलाके से सटी एक पटाखा फैक्ट्री में अचानक जोरदार विस्फोट हो गया। यह फैक्ट्री कृष्णा एनक्लेव कॉलोनी से बिल्कुल लगी हुई थी, जिससे धमाके की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी। विस्फोट इतना तेज था कि आसपास के घरों में रहने वाले लोग सहमकर बाहर निकल आए। कुछ ही पलों में पूरा इलाका धुएं और आग की लपटों से घिर गया, जिससे गांव और कॉलोनी में दहशत का माहौल बन गया।

हादसे में फैक्ट्री के अंदर मौजूद दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए। विस्फोट के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायलों को बाहर निकाला और एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल भिजवाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों घायलों की हालत चिंताजनक बनी हुई है और उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है। अचानक हुए इस हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि कुछ मिनट पहले तक सब कुछ सामान्य नजर आ रहा था।

विस्फोट की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं। आग तेजी से फैल चुकी थी, लेकिन दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया। फैक्ट्री का ढांचा टीन शेड का बना हुआ था, जो आग और विस्फोट की चपेट में आकर पूरी तरह जलकर खाक हो गया। चारों ओर जले हुए पटाखों का मलबा बिखरा पड़ा था, जिससे हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता था।

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसे के समय फैक्ट्री आधिकारिक रूप से बंद बताई जा रही थी, लेकिन उसके भीतर वेल्डिंग का काम चल रहा था। इसी दौरान निकली चिंगारी ने अंदर रखे पटाखों को अपनी चपेट में ले लिया और देखते ही देखते विस्फोट हो गया। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में करीब 10 हजार सुतली बम रखे हुए थे, जिनमें एक साथ विस्फोट होने से आग ने विकराल रूप ले लिया और नुकसान कई गुना बढ़ गया।

घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री लंबे समय से अवैध रूप से संचालित हो रही थी और रिहायशी इलाके के इतने नजदीक पटाखा निर्माण करना सीधे तौर पर लोगों की जान से खिलवाड़ था। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी, ताकि इस तरह की घटना से बचा जा सके। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल फैक्ट्री के वैध या अवैध होने की पुष्टि नहीं हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री के पास निर्माण और संचालन से जुड़े सभी जरूरी लाइसेंस थे या नहीं।