मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के अरनिया दाउद गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक साधारण शौचालय के गड्ढे की खुदाई के दौरान पुराने चांदी के सिक्के जमीन से निकल आए। यह घटना आष्टा तहसील के इस छोटे से गांव में चर्चा का विषय बन गई। जैसे ही लोगों को पता चला कि जमीन से चांदी के सिक्के निकले हैं, पूरा गांव खजाने की तलाश में जुट गया।
गांववाले चांदी की खोज में हुए पागल
जैसे ही यह खबर फैली कि गांव के एक व्यक्ति के घर से खुदाई के दौरान चांदी के सिक्के मिले हैं, लोग फावड़ा, बेलचा लेकर दौड़ पड़े। खेतों से लेकर घरों के आसपास तक मिट्टी को खोदने का काम शुरू हो गया। तीन दिनों तक गांव में लोगों ने जगह-जगह खुदाई की, उम्मीद थी कि उन्हें भी कुछ सिक्के मिलेंगे। कुछ ग्रामीणों को सिक्के मिले भी, लेकिन कई लोग खाली हाथ ही लौटे।
खुदाई में ऐसे मिले सिक्के
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब गांव के निवासी सुरेश श्रीवास्तव अपने घर में शौचालय का निर्माण करवा रहे थे। जेसीबी से गड्ढा खोदते समय मशीन के पंजे से किसी ठोस चीज के टूटने की आवाज आई। जब गौर से देखा गया, तो मिट्टी में चमचमाते सिक्के बिखरे पड़े थे। इन सिक्कों की जानकारी पूरे गांव में फैल गई और देखते ही देखते लोगों की भीड़ जमा हो गई। किसी को 2 सिक्के मिले तो किसी को 4, और कुछ लोग दिनभर खुदाई करते रहे।
प्रशासन ने जब्त किए सिक्के
जब मामला तहसील तक पहुंचा, तो नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने लोगों से बरामद सिक्के एकत्र किए और कुल 85 चांदी के सिक्के जब्त कर जिला कोषालय में जमा करवा दिए। इन सिक्कों पर फारसी भाषा में कुछ लिखा हुआ है, जिससे विशेषज्ञों का मानना है कि ये सिक्के मुगलकालीन हो सकते हैं। अब प्रशासन द्वारा इनकी जांच करवाई जा रही है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि हमारे गांवों की जमीन के नीचे इतिहास आज भी छिपा हुआ है।