इंदौर के एक सरकारी स्कूल से एक बड़ा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। सूत्रो के अनुसार शिक्षिका का शरीर लकवाग्रस्त है और वे इसी हालत में रोज व्हील चेयर पर आठ घंटे तक बच्चों को पढ़ाती है।
जूनी इंदौर के सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका चंद्रकांता जेठानी का साल 2020 में सर्जरी के बाद गलत इलाज के कारण शरीर लकवाग्रस्त हो गया था। उनके कंधे से एक हाथ भी टूट गया। उन्हें कई शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है।
शिक्षिका के परिवार में भी कोई नहीं है। इसलिए उन्हें सारे काम खुद ही करना पड़ता है। उन्हें ओस्टियोजेनेसिस इंपरफेक्टा नामक बीमारी भी है। वहीं शिक्षिका के पत्र लिखने के बाद दिल्ली से जिला प्रशासन से जवाब तलब किया गया है। इस मामले में सामाजिक न्याय विभाग के अफसर जल्द ही टीचर चंद्रकांता जेठानी की काउंसिलिंग करेंगे।
बता दें कि पत्र में उन्होंने लिखा है कि – “मैं बच्चों को शिक्षा देती हूं, इसलिए आत्महत्या नहीं करूंगी। उन्होंने मृत्यु के बाद शरीर के अंगो को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में डोनेट करने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने अपनी संपत्ति उनके ही स्कूल में पढ़ने वाले 6 बच्चों के नाम करदी है।”
बता दें कि शिक्षिका के शरीर का निचला हिस्सा पूरा लकवा ग्रस्त है और वे रोजाना इस हाल में ऑटो रिक्शा से जबरन कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल जाती है। वे पूरे समय व्हीलचेयर पर रहती है। लेकिन कभी बच्चो को अपना दर्द व्यक्त नहीं करती।
मल्टीपल फेक्चर होने के बाद कभी अपने मन में आत्महत्या का विचार नहीं आने देती है। उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि – “मैं आत्महत्या नहीं करूंगी, क्योंकि मैं अपने छात्रो को जीने का साहस सिखाती हूं। अगर मैं खुद ही हार मान जाऊं तो मेरा शिक्षकीय आदर्श टूट जाएगा। लेकिन अब दर्द इतना बढ़ चुका है इसलिए उन्होंने इच्छा मृत्यु की मांग की है।”