25 एकड़ में सजेगा भव्य परिसर, स्वर्ण कलश और देवी अहिल्याबाई की दिव्य प्रतिमा बनेगी आकर्षण

इंदौर इस बार मध्यप्रदेश के सबसे बड़े नवरात्रि उत्सव का साक्षी बनने जा रहा है। 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक वीआईपी परस्पर नगर में आयोजित होने वाले अति विशाल नवरात्रि महामहोत्सव की तैयारियाँ अंतिम दौर में हैं। इस आयोजन का नेतृत्व कृष्णगिरी पीठाधीश्वर, पूज्यपाद जगतगुरु श्री श्री 1008 आचार्य वसंत विजयानंद गिरिजी महाराज के सानिध्य में होगा।

परिसर में बनेगा आध्यात्मिक संसार

इस आयोजन के लिए 25 एकड़ भूमि पर विशाल परिसर तैयार किया जा रहा है। कई राज्यों के लगभग 150 से अधिक कलाकार जुलाई से लगातार दिन-रात कार्य कर रहे हैं। प्रवेश द्वार से लेकर आंतरिक हिस्सों तक पूरा परिसर आस्था और भव्यता से सराबोर होगा।

आकर्षक प्रवेश द्वार और दिव्य प्रतिमाएँ

470 फीट लंबा और 65 फीट चौड़ा प्रवेश द्वार भक्तों का स्वागत करेगा। इसके ठीक सामने स्वर्ण लेपित कलश की प्रतिकृति बनाई गई है। वहीं, 30 फीट ऊँची देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा, राजबाड़ा की प्रतिकृति और विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर का भी दर्शन भक्तों को मिलेगा।

मां पद्मावती मंदिर और 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन

प्रवेश मार्ग से भीतर जाते ही श्रद्धालुओं को मां पद्मावती मंदिर की भव्य झलक मिलेगी। साथ ही परिसर में 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति तैयार की गई है, जो हूबहू वास्तविक मंदिरों का अनुभव कराती है। ऐसा लगेगा मानो भक्त स्वयं इन पवित्र धामों के बाहर खड़े हों।

यज्ञशाला और अन्य सुविधाएँ

इस आयोजन की विशेषता विश्व की सबसे बड़ी यज्ञशाला होगी, जो 25 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में तैयार हो रही है। इसके अलावा बाल क्रीड़ा उद्यान, संत निवास, अतिथि विश्राम स्थल, खोया-पाया केंद्र, पुलिस सहायता केंद्र, शिशु पालन स्थल और महिला-पुरुष प्रसादम केंद्र जैसी व्यवस्थाएँ भी की गई हैं।

स्वर्ण लेपित कलश और देवी भागवत कथा

कार्यक्रम स्थल पर स्वर्ण लेपित अष्ट कलश की स्थापना भी की जाएगी। प्रतिदिन शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक देवी भागवत कथा का आयोजन होगा। इस कथा में मां के दिव्य स्वरूप और अवतारों का वर्णन होगा। श्रद्धालुओं को शक्ति उपासना से चमत्कारी फल प्राप्त होंगे और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा एवं शांति का अनुभव होगा।