इंदौर में एक ऐतिहासिक आयोजन,सुमति धाम में श्री विशुद्ध सागर महाराज का पट्टाचार्य महोत्सव

पट्टाचार्य महोत्सव : इंदौर के सुमति धाम में होने जा रहा है भव्य पट्टाचार्य महोत्सव, जो इस बार समूचे जैन जगत के इतिहास में एक नई मिसाल कायम करेगा। पट्टाचार्य महोत्सव की चर्चा न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश के प्रत्येक जैन घर में हो रही है। इस महोत्सव का उद्देश्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का पट्टाचार्य पद पर आसीन होना है। ये महोत्सव 6 तक मनाया जाएगा।

आपको बतादे कि पट्टाचार्य महोत्सव 27 अप्रैल से 02 मई तक आयोजित होगा। 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज पट्टाचार्य पद पर विराजमान होगे और जैन समाज में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करेगे।

आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज ने दिया उपदेश

ये परंपरा जैन धर्म में बड़ी महत्पूर्ण मानी जाती है। आपको बतादे कि आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज की अंतिम इच्छा अनुसार मानते हुए श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को पट्टाचार्य पद पर आसीन किया जा रहा है। आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज को उनके अद्वीतीय योगदान और जैन धर्म के प्रति निष्ठा के लिए जाना जाता है। उन्होने सन् 1983 में दीक्षा ग्रहण करने के बाद 1992 में वे आचार्य पर आसीन हुए। अपने 41 वर्षो के दिगंबर जैन मुनि जीवन और 32 वर्षो के आचार्य जीवन में 500 से अधिक साधको को दीक्षा दी।

आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज ने अपनी मृत्यु से पहले अपने संघ को एक अंतिम उपदेश दिया, जो जैन जगत के इतिहास मे एक अभूतपूर्व घटना है। जब वे 61 वर्ष की आयु में थे और उनको मृत्यु का आभास हुआ तो उन्होने अपने भक्त अरुण कोटडिया को एक विडियो संदेश रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया। वीडियो संदेश में उन्होने कहा कि जीवन क्षणभंगुर है पता नहीं किसके जीवन का कब समापन हो जाए। इसलिए आचार्य हमेशा तैयार रहते है और किसी योग्य शिष्य को जिम्मेदारी सौंपकर संघ का संचालन करते है।

आचार्य श्री विशुद्ध सागर होगे पद पर आसीनवहीं आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज दिगंबर जैन धर्म के महान आचार्य है, जो अब तक संघ के नायक के रुप में कार्यरत रहे है। आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के लगभग 500 शिष्य और प्रशिष्य अपना जीवन आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज की शिक्षाओ और मार्गदर्शन में व्यतीत करेगे।

आपको बता दें कि ‘सुमति धाम’ में महोत्सव के आयोजनकर्ता धर्मनिष्ठ दंपति श्रीमती सपना और मनीष गोधा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले है। इन्होने हमेशा जैन समाज के लिए योगदान किया और संपूर्ण समाज में सकारात्मक योगदान दिया। आपको बतादे कि सुमतिनाथ धाम भगवान का जिनालय है, जो एक अद्वितीय स्थल है, साथ ही अतिशय मंदिर है।इस भव्य पट्टाचार्य महोत्सव में लगभग 388 से अधिक संत उपस्थित होगे। जिनमें 12 आचार्य और 08 उपाध्याय, 09 गणिनी आर्यिका, 140 मुनिराज,123 आर्यिका माता और 02 एलक जी, 34 क्षुल्लिका जी एवं 3 हजार से अधिक बाल ब्रह्मचारी शामिल होगे। इस महोत्सव में दिगंबर जैन समाज के सभी साधु और संत एकत्रित होकर जैन एकता उद्घोष करेगे।

पट्टाचार्य महोत्सव के पहले दिन 27 अप्रैल 2025 की रुप रेखा इस प्रकार रहेगी……..

मंगल प्रवेश- प्रातः 6:00 बजे – महावीर बाग से सुमतिधाम

संसंघ मंगल प्रवेश – प्रातः 8 बजे

प्रवचन – प्रातः 9 बजे  देशना मंडप में

आहार चर्या – प्रातः 10:00 बजे

पत्रकार सम्मेलन – दोपहर 2 बजे, देशना मंडप

स्वाध्याय – दोपहर 2:30 बजे, वात्सल्य मंडप

प्रवचन – दोपहर 3:00 बजे देशना मंडप

आचार्य भक्ति एवं प्रतिक्रमण- शाम 6:00 बजे, आरती मंडप

आरती – शाम 7:30 बजे, आरती मंडप

प्रोजेक्शन मैपिंग – रात्रि 8 बजे आरती मंडप

लेजर शो – रात्रि 8:30 बजे, आरती मंडप

सांस्कृतिक कार्यक्रम….

आदिनाथ गाथा भाग-1 – रात्रि 9:00 बजे,   देशना मंडप में

प्रोजेक्शन मैपिंग – रात्रि 11:00 बजे,  आरती मंडप में