पिथौरागढ़ में हुआ भीषण सड़क हादसा, 150 फीट गहराई में गिरी सवारियों से भरी गाड़ी, 7 की मौत

उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ से एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मुवानी से बकटा की ओर जा रही एक टैक्सी मंगलवार की शाम अनियंत्रित होकर लगभग 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई।

यह दर्दनाक हादसा सोनी पुल के पास हुआ, जो जिला मुख्यालय से लगभग 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वाहन में कुल 13 यात्री सवार थे। इस हादसे में सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

हादसे के तुरंत बाद चला राहत एवं बचाव कार्य

जैसे ही दुर्घटना की सूचना मिली, पिथौरागढ़ जिला प्रशासन और पुलिस की टीम राहत कार्यों में जुट गई। स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन की मदद करते हुए तत्काल खाई में उतरकर घायलों को निकालने का कार्य शुरू किया। पुलिस-प्रशासन ने घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया है। अब तक की जानकारी के अनुसार, कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।

दुर्घटना के संभावित कारणों की जांच जारी

प्राथमिक जांच के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि टैक्सी अचानक अनियंत्रित होकर फिसल गई, जिससे यह गहरी खाई में जा गिरी। हालांकि, वास्तविक कारणों की जांच अभी जारी है। अधिकारियों की एक टीम मौके पर मौजूद है जो दुर्घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है।

हादसे के समय मचा कोहराम

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय टैक्सी काफी रफ्तार में थी और सड़क पर अचानक असंतुलन बन गया। वाहन के खाई में गिरते ही चीख-पुकार मच गई, जिसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े। लोगों ने बिना देर किए पुलिस को सूचना दी और रेस्क्यू ऑपरेशन में हाथ बंटाया। घटना स्थल पर अभी भी भारी भीड़ और अफरातफरी का माहौल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया गहरा शोक

इस हृदयविदारक हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “जनपद पिथौरागढ़ के मुवानी क्षेत्र में वाहन दुर्घटना की खबर अत्यंत पीड़ादायक है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और शोक संतप्त परिवारों को इस दुखद घड़ी में संबल प्राप्त हो।” मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए हैं और सभी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

स्थानीयों की तत्परता ने बचाई कई जानें

गौरतलब है कि हादसे के बाद सबसे पहले मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग ही थे, जिन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की। बिना किसी औपचारिक उपकरण के, ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर खाई में उतरकर घायलों को बाहर निकाला। उनकी इस मानवीय संवेदना और तत्परता ने कई जानों को समय पर उपचार दिलाने में मदद की।