साइबर ठगी के बड़े जाल का पर्दाफाश हो गया है। इसकों लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ जिसमें देशभर में हो रही अधिकांश साइबर ठगी के तार कंबोडिया से जुड़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में साइबर ठगी की बड़ी वारदातें हों या दिल्ली या अन्य राज्यों में हुई घटनाएं, ठगी के लिए वाइस और वीडियो कॉल कंबोडिया से आ रहे हैं और ठगी की रकम भारतीयों के खातों में पहुंच रही है। यानी विदेश में बैठे अपराधी पुलिस व अन्य जांच एजेंसियों से बचने के लिए भारतीय खातों का इस्तेमाल करते हुए साइबर फ्राड का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क चला रहे हैं।
बेरोजगार युवकों के खातों का इस्तेमाल
वहीं ठगी की रकम भारतीय बैंक अकाउंट तक पहुंच रही है। बैंक खाते भी आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार युवाओं, छात्रों के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसके साथ ही युवाओं को दूसरे देशों में बुलाकर साइबर स्लेवरी हो रही है। एक्सपर्ट अधिकारियों का कहना है कि साइबर स्लेवरी हो रही है। भारत से बेरोजगार युवकों को आकर्षक नौकरी के बहाने कंबोडिया के साथ ही थाइलैंड, अफगानिस्तान, दुबई जैसे देशों में ले जाया जा रहा है।
विदेश के शातिर बदमाशों तक पहुंचना मुश्किल
मप्र पुलिस हो या अन्य जांच एजेंसी, सिर्फ यही जांच कर पा रही है कि ठगी की रकम किन खातों में गई। विदेश में बैठे शातिर सरगनाओं तक पहुंचना फिलहाल मुश्किल है। बैंक खाते भी आर्थिक रूप से कमजोर और बेरोजगार युवाओं, छात्रों के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसको लेकर एक कई लोग रिसर्च कर रहे है। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि ठगी के मामलों में वाइस व वीडियो काल कंबोडिया से आए है। पैसा क्रिप्टो ट्रेडिंग के जरिये दुबई भेजा जा रहा है।