Historical Temple : आज हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे रहस्मई और प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाले है, जिससे कई किस्से और लोक कथाएं जुड़ी हुई है। कहते है इस रहस्मई मंदिर का निर्माण भूतों ने एकसाथ मिलकर केवल एक रात में किया था। लेकिन मंदिर बनाते-बनाते सुबह हो गई और मंदिर का निर्माण अधूरा ही रह गया।
हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के सिहोनियां कस्बे में स्थित ककनमठ मंदिर की। इस मंदिर को भूतों का मंदिर भी कहते है। माना जाता है कि ये मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है। ककनमठ मंदिर का अधूरा निर्माण यहां आने वाले सभी लोगों के मन में कई सवाल खड़े करता है। ककनमठ मंदिर सिहोनियां से करीब 2 किलोमीटर दूर है।
ककनमठ मंदिर थोड़ी खंडहर अवस्था है और मंदिर में कई टूटे-फूटे अवशेष नजर आते है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है। भगवान शिव का ये रहस्मई मंदिर काफी ऊंचाई पर है। मंदिर में जाने के लिए थोड़ी सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। जिसके बाद आप मंदिर मे पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर पाएंगे।
खास बात है कि ककनमठ मंदिर बड़े-बड़े पत्थरों से बना है। बड़े–बड़े पत्थर एक के ऊपर क्रम से लगे हुए है। मंदिर के निर्माण में सीमेंट का इस्तेमाल भी नहीं किया गया। खास बात ये है कि पत्थरो से बने मंदिर के खंभे हजारों सालो से आज भी वैसे ही खड़े है। आंधी-तूफान में भी ककनमठ मंदिर का कोई भी हिस्सा हिलता तक नहीं है।
मंदिर की संरचना और कलाकृति मन में सहज ही कई सवाल खड़े करती है। तो वहीं ये भी माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कछवाहा वंश के राजा कीर्ति राज ने 11वीं शताब्दी में करवाया था। राजा की पत्नी रानी ककनावती शिव भक्त थीं, जिस वजह से इस मंदिर का नाम रानी के नाम पर ककनमठ रखा गया। जब आप ककनमठ मंदिर के दर्शन करने आएंगे तो आपको ये मंदिर अधूरा, दिलचस्प और रहस्मई लगेगा।