देश में मानसून ने दश्तक दे दी है। ऐसे में यदि आप कही घूमने का प्लान बना रहे है तो आईये आपको ले चलते है ,सतपुड़ा की पहाड़ियों में जहा हर मानसून एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। जिसके बारे में ज्यादातर पर्यटक नहीं जानते है। जब बाकी लोग बारिश के चलते यात्रा टाल देते हैं, तब पचमढ़ी एक प्राकृतिक वंडरलैंड में बदल जाता है। यदि आप बारिश में पंचमढ़ी जाते है तो आप कई झरनों, धुंध और हरियाली के अनुभव का लुफ्त उठा सकते है।
मानसून के महीनों यानी जुलाई और अगस्त में पचमढ़ी के दृश्य देखने लायक है । 19°C से 25°C के बीच ठंडा तापमान, धुंध से ढकी पहाड़ियां, और हर दिशा से गिरते झरने इसे भारत के बेस्ट मानसून डेस्टिनेशन में शामिल करते हैं। पचमढ़ी में बहने वाली छोटी नदियाँ मानसून में ऊँचाई से गिरते हुए झरनों के रूप में बदल जाती है।
पचमढ़ी के प्रमुख झरने :
डचेस फॉल्स
डचेस फॉल्स की ऊँचाई 100 मीटर है। यह फॉल्स रीचगढ़ ट्रेक से 4 किमी की दुरी पर है।डचेस फॉल्स पचमढ़ी का सबसे शानदार झरना, जिसका दृश्य मानसून में बहुत मनमोहक दिखाई पड़ता है।
बी फॉल्स
बी फॉल्स ,पचमढ़ी का सबसे लोकप्रिय झरना, जो पर्यटकों के लिए बहुत सुरक्षित और रोमांचक है। झरने के तल में एक प्राकृतिक तालाब, जो मानसून के अलावा बाकि महीनो में डुबकी लगाने के लिए सुरक्षित मन जाता है। इस झरने की ऊँचाई 150 फ़ीट है।
रजत प्रपात
इस झरने का पानी ,गहरे रंग की चट्टानों से चांदी की तरह चमकता हुआ दिखाई देता है इसीलिए इस झरना का नाम रजत प्रपात है। यह झरना 107 मीटर ऊँचाई से गिरता है। यह पचमढ़ी के फोटोजेनिक झरनों में से एक है।
सांस्कृतिक अनुभव और पचमढ़ी:
मानसून के दौरान पचमढ़ी में आप केवल प्राकृतिक स्थानों का ही लुफ्त नहीं उठाएंगे बल्कि यहां के स्थानीय त्यौहार, पारंपरिक व्यंजन और रीति-रिवाज,आपको एक अलग अनुभव से रूबरू कराएंगे। पचमढ़ी के कुछ प्रमुख व्यंजन है ,जैसे दल-बाटी, भुट्टा भुज्जा और गर्मी में ठंडी चाय का अनुभव जरूर करें।