मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता और संगठन के बीच समन्वय को मजबूत बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। इसको लेकर विगत दिन में एक जरूरू बैठक सीएम आवास पर हुई जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में एक हाई प्रोफाइल बैठक हुई।
एक टोली का बीच में किया गठन
भाजपा में सत्ता और संगठन के बीच समन्वय को मजबूत बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। सीएम आवास में भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में एक हाई प्रोफाइल बैठक हुई। इसमें समन्वय को लेकर एक छोटी टोली का गठन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार, संगठन और सत्ता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। समन्वय के इस नए फॉर्मूले के तहत गठित टोली की पहली बैठक में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी मौजूद रहे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की पहल
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद समन्वय की दिशा में आलाकमान यह पहला बड़ा कदम उठाया गया है। बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने समय-समय पर समन्वय बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं। बैठक में संगठनात्मक कार्यों जैसे सेवा पखवाड़ा, नए जीएसटी के बाद के कार्यक्रम और आत्म निर्भर भारत अभियान को लेकर चर्चा की गई।
टोली का प्रतिनिधित्व करेंगे दिग्गज
समन्वय टोली में सीएम डॉ मोहन यादव, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा एवं राजेंद्र शुक्ल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद एवं वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और राकेश सिंह शामिल हुए।
ये है दो सबसे बड़ी चुनौतियां
सत्ता- संगठन के सामने दो बडी चुनौतियां है जिसमें सत्ता- संगठन के सामने एक सबसे बड़ी चुनौती इन दिनों गुटबाजी है। चिंता की बात ये है कि इस गुटबाजी में दिग्गज नेता खुद शामिल है। गुटबाजी की बानगी कभी सागर में मचलने लगती है तो कभी ग्वालियर- चंबल बागी रूख दिखाने लगता है। हाल ही में विंध्य में सीएम के कार्यक्रम से डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल की दूरी पूरी पार्टी की एकता पर प्रश्नचिंह खड़ा कर रहा है।
फिसलती नेताओं की जुबान पर लगेगी लगाम
दूसरी सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के वो नेता है…जिनकी जुबान कभी भी-कहीं भी फिसल जाती है। और दूसरा सार्वजनिक रूप से अनुशासन तोड़ने वाले नेता, जिसमें खासतौर पर नेता के पुत्र ज्यादा हैं। फिर चाहे भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे का मामला हो या देवास विधायक के पुत्र का वायरल वीडियो। भिंड विधायक का कलेक्टर से टकराव तो सबने ही देखा है। ऐसे मामले पूरी पार्टी के अनुशासन और कायदे पर सवाल खड़े करते हैं।
प्रदेश कोर कमेटी रहेगी यथावत
समन्वय के लिए पहले बनी प्रदेश कोर कमेटी यथावत रहेगी। प्रदेश की कमेटी में पूर्व सीएम, केंद्रीय मंत्री और पार्लियामेंट बोर्ड के सदस्य सहित कई राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होते हैं। ऐसे में कोर कमेटी की बैठक समय- समय पर आयोजित नहीं हो पाती है। इसलिए त्वरित मामलों के निराकरण के लिए छोटी टोली का गठन किया गया है।