मौसम विज्ञानियों की मानें तो बंगाल की खाड़ी में एक गहरा अवदाब का क्षेत्र सक्रिय है, जो गुरुवार रात को ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की संभावना रखता है। इसके अलावा, अरब सागर में भी एक अवदाब का क्षेत्र बना हुआ है। ये दोनों सिस्टम मिलकर मध्य प्रदेश में बारिश की संभावनाओं को बढ़ा रहे हैं। ऐसे मौसमीय बदलाव अक्सर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में देखने को मिलते हैं।
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 23 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों पर विशेष ध्यान है, उनमें जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया शामिल हैं। इन जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ गरज-चमक की संभावना बनी हुई है।
सहायक मौसम प्रणालियों का प्रभाव
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके रायकवार के अनुसार, प्रदेश में बारिश के पीछे केवल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का अवदाब ही नहीं है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवातिक प्रणाली सक्रिय है, जबकि उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में भी ऊपरी हवाओं में चक्रवात का प्रभाव देखा जा रहा है। इन प्रणालियों की वजह से प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में समानांतर बारिश की गतिविधियां जारी हैं।
पिछले 24 घंटों का आंकड़ा और बूंदाबांदी का हाल
गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कुछ जिलों में रिकॉर्ड की गई बारिश इस प्रकार रही: जबलपुर में 66.6 मिमी., उमरिया में 62.4 मिमी., शिवपुरी में 16 मिमी., खंडवा में 12 मिमी., और सीधी में 4.2 मिमी। बारिश की यह गति दिखाती है कि मौसम प्रणाली कितनी सक्रिय है और आने वाले समय में और अधिक बारिश होने की संभावना है।
अक्टूबर में बारिश का सामान्य रुझान
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में वर्ष 2024 और पिछले साल भी कुछ क्षेत्रों, जैसे इंदौर, में हल्की बूंदाबांदी देखी गई थी। इसका मतलब है कि मध्य प्रदेश में अक्टूबर की शुरुआत में बारिश का पैटर्न लगातार बना हुआ है। इस वर्ष भी मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से प्रभावित सिस्टम प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश बनाए रखेंगे।