फर्जी डॉक्टर बनकर भ्रूण लिंग की जांच करता था चपरासी, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा

Morena News : मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक चौंकाने वाला मामला पकड़ा है। यहां एक चपरासी खुद को डॉक्टर बताकर अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच कर रहा था।

आरोपी की पहचान 30 वर्षीय संजू शर्मा के रूप में हुई है, जो शिक्षा विभाग में चपरासी था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से खुद को डॉक्टर बताकर लोगों को ठग रहा था।

ग्वालियर-मुरैना टीम ने रचा जाल

सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मेश उपाध्याय ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से लिंग परीक्षण कर रहा है।

इस पर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ के निर्देश पर ग्वालियर और मुरैना की संयुक्त टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता मीना शर्मा के साथ मिलकर योजना बनाई। टीम ने एक डमी गर्भवती महिला और सादे लिबास में महिला पुलिसकर्मी को भेजा, जिसके बाद आरोपी को गदौरा पुरा इलाके से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

घर-घर जाकर करता था भ्रूण जांच

छापे में आरोपी के पास से पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद हुई। जांच में पता चला कि वह दो से चार हजार रुपये लेकर घर-घर जाकर भ्रूण लिंग जांच करता था। यदि भ्रूण लड़की होता, तो आरोपी गर्भपात कराने के लिए अतिरिक्त रकम वसूलता था। मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि आरोपी का नेटवर्क मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक फैला हुआ था।

पहले भी हो चुका था निलंबित

जानकारी के मुताबिक संजू शर्मा बिलगांव मिडिल स्कूल में चपरासी के पद पर कार्यरत था, लेकिन नवंबर 2024 में अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था। गौरतलब है कि आरोपी पिछले छह महीनों से टीम की निगरानी में था। जयपुर में पकड़ी गई एक अल्ट्रासाउंड मशीन ने इस फर्जीवाड़े का सुराग दिया था।

मुरैना में लिंगानुपात चिंता का विषय

अधिकारियों के अनुसार, मुरैना उन जिलों में शामिल है, जहां लिंगानुपात काफी कम है। 2011 की जनगणना में प्रति हजार पुरुषों पर 840 महिलाएं दर्ज थीं, जो अब बढ़कर 922 तक पहुंची हैं। इस कार्रवाई से भ्रूण हत्या के इस अवैध नेटवर्क पर बड़ी चोट मानी जा रही है।