मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित एमटीएच अस्पताल में चिकित्सा जगत को हैरान करने वाली एक दुर्लभ घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने ऑपरेशन के जरिए एक ऐसे शिशु को जन्म दिया है, जिसका शरीर तो एक है लेकिन सिर दो हैं। इस असाधारण बच्चे का जन्म डॉक्टरों की निगरानी में सुरक्षित रूप से हुआ और फिलहाल मां और नवजात दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
देवास से रैफर होकर आई थीं गर्भवती महिला
22 वर्षीय रुसा भिलाला, जो कि देवास की निवासी हैं, को दो दिन पहले प्रसव पीड़ा के चलते इंदौर के एमटीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहले से ही सोनोग्राफी में इस बात का पता चल चुका था कि गर्भ में जुड़वां सिर वाला भ्रूण पल रहा है। इसलिए स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रुसा को इंदौर रैफर किया गया था।
आधे घंटे चले ऑपरेशन में हुआ सुरक्षित जन्म
बुधवार सुबह रुसा को लेबर पेन शुरू हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नीलेश दलाल के मार्गदर्शन में सीजेरियन ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। लगभग आधे घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद शिशु को गर्भ से निकाला गया। शिशु का वजन 2.83 किलोग्राम है और वह फिलहाल शिशु वार्ड में डॉक्टरों की सतत निगरानी में रखा गया है।
कैसे होता है दो सिर वाले शिशु का जन्म
चिकित्सकों के अनुसार, इस प्रकार के जुड़वा शिशु “कॉनजॉइन्ड ट्विन्स” (Conjoined Twins) की श्रेणी में आते हैं। जब निषेचन के बाद एक ही अंडाणु से दो भ्रूण विकसित होने लगते हैं, लेकिन वो पूरी तरह अलग नहीं हो पाते, तब ऐसी स्थिति बनती है। इसे “मोनोजाईगोटिक ट्विन्स” (Monozygotic Twins) कहा जाता है। भ्रूण के शुरुआती विकास के दौरान जब विभाजन अधूरा रह जाता है, तो शरीर का कुछ हिस्सा साझा रह जाता है – इस मामले में शरीर एक है लेकिन सिर दो हैं।
मां और नवजात दोनों स्वस्थ
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे के सभी अंग सामान्य रूप से विकसित हैं, सिर्फ सिर दो हैं। ऐसी स्थितियों में भविष्य में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए शिशु को विशेष निगरानी में रखा गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बच्चे की आगे की स्थिति का गहन विश्लेषण कर रही है और जरूरत पड़ने पर आगे की सर्जिकल संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा।