MY अस्पताल सुधार के लिए बनेगी विशेष समिति, महानगर विकास परिषद ने CM को लिखा पत्र

प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल एमवाय हॉस्पिटल लंबे समय से अव्यवस्थाओं का शिकार है। हाल ही में सामने आए चूहा कांड ने इस अस्पताल की छवि को और खराब कर दिया, जिससे इंदौर शहर की बदनामी हुई। इस मामले को गंभीर मानते हुए सामाजिक संस्था महानगर विकास परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अस्पताल की व्यवस्थाओं में बड़े सुधार की मांग की है।

रिटायर्ड अफसर या जज की अध्यक्षता में समिति बनाने का सुझाव

संस्था का कहना है कि डॉक्टरों से इलाज कराना उचित है, लेकिन प्रबंधन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपना सही नहीं है। देशभर के बड़े अस्पतालों में प्रबंधन का कार्य विशेषज्ञ लोग संभालते हैं। इसी तर्ज पर इंदौर में भी रिटायर्ड सैन्य अधिकारी या रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में समिति बनाई जानी चाहिए, जिसमें शहर के प्रमुख समाजसेवी और विभिन्न क्षेत्रों के दक्ष लोग शामिल हों।

समिति को मिले पूरे अधिकार

महानगर विकास परिषद ने सुझाव दिया कि इस प्रस्तावित समिति को पूर्ण अधिकार दिए जाएं, ताकि अस्पताल की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और सख्त नियमों के साथ संचालित किया जा सके। साथ ही यह भी कहा गया कि हर वर्ष तय समय पर अस्पताल में युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलाना अनिवार्य किया जाए, जिससे स्वच्छता और गुणवत्ता बनी रहे।

सुमित्रा महाजन का अधूरा प्रयास

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी एमवाय की व्यवस्था सुधारने के लिए इसी तरह की पहल की थी। लेकिन उस योजना को कभी अमल में नहीं लाया गया। परिषद का मानना है कि यदि उस समय इस प्रस्ताव पर काम हुआ होता तो आज अस्पताल की स्थिति इतनी खराब नहीं होती।

मुख्यमंत्री से ठोस कदम की अपील

महानगर विकास परिषद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे स्वयं इंदौर आकर जनप्रतिनिधियों, चिकित्सकों और शहर के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक करें। परिषद का कहना है कि जब तक ठोस और प्रभावी निर्णय नहीं लिया जाएगा, तब तक करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी मरीजों की जान जोखिम में ही रहेगी और अस्पताल अपनी विश्वसनीयता खोता रहेगा।