मध्यप्रदेश का एक अजब-गजब गांव, जहां घर-घर में बोली जाती है संस्कृत भाषा

Ajab Gajab Madhypradesh : हमारे अजब-गजब मध्यप्रदेश में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां हर घर में ‘संस्कृत’ भाषा बोली जाती है और सबसे खास बात ये है कि इस गांव में लोगो की सुबह गुड मॉर्निंग से नहीं बल्कि ‘नमो-नम:’ से होती है।

ये अजब गजब गांव है, मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का झिरी गांव। राजगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर झिरी गांव देश की प्राचीन संस्कृति का एक अद्भूत उदाहरण है। इस गांव में आम बोलचाल में भी संस्कृत भाषा का इस्तेमाल किया जाता है।

इस गांव की आबादी लगभग 1500 से अधिक है। झिरी गांव में ग्रामीणों ने अपने घरों के नाम भी संस्कृत में रखे है। घरों के बाहर संस्कृत भाषा में ग्रामीणो ने श्लोक लिखावाएं हुए है।

इस गांव में देश की प्राचीन संस्कृति का ये अद्भूत नजारा देखकर मन को बड़ा अच्छा लगता है। आइए आपको तस्वीरें दिखाते है…..

अधिकांश घरों के बाहर संस्कृत गृहम लिखा हुआ होता है। खास बात ये है कि झिरी गांव में शादी समारोह के अवसर पर महिलाएं संस्कृत भाषा में गीत गाती है। इस गांव में बच्चों को स्कूल के अलावा मंदिर, गांव की चौपाल पर भी संसकृत सिखाई जाती है।

झिरी गांव में केवल बच्चे ही नहीं बल्कि गांव के किसान, महिलाएं, और नौकरीपेशा सभी फर्राटेदार संस्कृत भाषा में बात करते है। इसके साथ ही झिरी गांव के स्कूलों में बच्चों को संस्कृत मीडियम में ही पढ़ाया जाता है।

आपको बता दें कि हमारे देश में दो ही ऐसे गांव है, जहां देवभाषा संस्कृत का उपयोग किया जाता है। जिसमें से एक गांव है कर्नाटक के शिवमोग्गा के पास मौजूद मत्तूर गांव और दूसरा गांव मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का झिरी गांव। ये दो गांव देश के लिए मिसाल बन गए है।