संभागायुक्त दीपक सिंह ने आज शासकीय अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय का अवलोकन किया। इस मौके पर पुस्तकालय प्रमुख लिली संजय डावर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। संभागायुक्त सिंह ने पुस्तकालय प्रमुख लिली डावर के साथ पुस्तकालय के सभी कक्षों का अवलोकन किया और विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त की। पुस्तकालय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया और उनकी पढ़ाई के बारे में जाना। संभागायुक्त सिंह को निरीक्षण के दौरान बताया गया कि शासकीय अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय का इतिहास वर्षों पुराना है।
इस भवन को सफेद कोठी के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें सर टेलर एवं सर हर्टन रहा करते थे। यहाँ हिन्दी, अंग्रेजी और मराठी सहित विभिन्न भाषाओं की एक लाख से भी अधिक पुस्तकें हैं, जिनका रख-रखाव आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है। सभी किताबों को इस प्रकार से कोडिंग करके जमाया गया है कि किसी भी पुस्तक को तलाशने में कम-से-कम समय लगता है।
इस पुस्तकालय में रखी अधिकांश पुस्तकें राजाराम मोहन राय लाईब्रेरी फाउंडेशन, मध्यप्रदेश शासन या दानदाताओं के द्वारा प्राप्त होती है। इसके अलावा यहां प्रतिदिन हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं के 17 समाचार पत्र आते है। साथ ही विभिन्न भाषाओं की पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक सहित 33 पत्रिकाएं भी आती है। पुस्तकालय के नियमित सदस्य को अधिकतम दो पुस्तकें घर ले जाने की पात्रता है। पुस्तकालय में एक कक्ष बच्चों का भी है जिसमें बाल साहित्य है तथा मराठी भाषा का अलग से प्रभाग है। पुस्तकालय में एक कक्ष उन विद्यार्थियों के लिये है जो यूपीएससी, पीएससी, आईआईटी, क्लेट सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।
इसका सदस्य शुल्क नाममात्र है। इस पुस्तकालय में एक संगोठी कक्ष भी है, जो लेखक और साहित्यकारों की बैठक एवं चर्चा के लिए है, यह कक्ष नि:शुल्क है। इस कक्ष में 40 चित्र है, जो मूर्धन्य साहित्यकारों, लेखकों एवं कवियों के है। इसके अलावा यहां ऐतिहासिक धरोहरें के 51 चित्र भी हैं, जिसमें ऐतिहासिक राजवाड़ा, महेश्वर का किला, जाम गेट, कांच मंदिर, कृष्णापुरा छत्री आदि प्रदर्शित है।
पुस्तकालय का एक कक्ष संविधान कोना के नाम से है, जहां भारतीय संविधान की मूल प्रति की प्रतिकृति प्रदर्शित है। 251 पृष्ठीय इस प्रतिकृति के ऊपर सोने की परत है। साथ ही भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, भारतीय संविधान निर्माती के सदस्य पद्मभूषण विनायक सीताराम सरवटे, संविधान का लोगो बनाने वाले चित्रकार दीनानाथ भार्गव तथा पुण्य श्लोका देवी अहिल्या बाई के चित्र है।
पुस्तकालय का एक कोना कबाड़ से जुगाड़ का है, जहाँ अनुउपयोगी वस्तुओं से पुस्तकों के प्रति रूचि पैदा करने के लिए सुभाषित बनाये गए हैं। यह पुस्तकालय सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक खुला रहता है, जहाँ पर रोजाना बड़ी संख्या में विद्यार्थी पत्र-पत्रिकाओं के अलावा प्रतियोगी तैयारी के लिए पढ़ाने के लिए आते है।