मध्यप्रदेश के गुना से एक अजब-गबज मामला सामने आया है। दरअसल, गुना में एक आदिवासी प्रसूता महिला बैलगाड़ी पर बेठाकर एंबुलेस तक ले जाया गया। आपको बता दें कि ये मामला बमोरी विधानसभा इलाके के मोहन खुर्द के डमरा डेरा का है। जहां पक्की सड़क ना होने से एंबुलेंस इस गांव में नहीं पहुंच सकी। जिसके कारण ग्रामीण आदिवासी महिला को बैलगाड़ी पर बैठाकर गांव के बाहर तक एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा।
बैलगाड़ी का यह वीडियो और तस्वीर भी सामने आ चुकी है। हैरानी की बात तो है कि एंबुलेंस तक पहुंचने से पहले ही प्रसूता महिला ने बच्चे को गांव में बैलगाड़ी पर ही जन्म दिया। इस मामले के बाद प्रशासन पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। जिसमें सिस्टम की लापरवाही के कारण एंबुलेंस गांव तक नही पहुंच पाई, क्योंकि उस गांव में सड़क ही नहीं है।
मोहनपुर खुर्द के डमरा डेरा का ये मामला चर्चा का विषय बन गया है। एक आदिवासी महिला ने गांव में ही बच्चे को जन्म दे दिया। बहरहाल, आदिवासी महिला को डिलीवरी के बाद उमरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। बैलगाड़ी पर बैठी प्रसूता की तस्वीर वायरल हो रही है। जिसने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है।
आपको बता दें कि ये क्षेत्र केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में आता है। सूत्रो के अनुसार बमोरी विधानसभा इलाके के मोहन खुर्द के डमरा डेरा में सड़क नहीं होने से बारिश में हालात और खराब हो जाते है। प्रसूताओं को कभी खटिया पर तो कभी बैलगाड़ी पर गांव के बाहर तक लाना पड़ता है। तब जाकर एंबुलेंस तक पहुंच पाते है।