पचमढ़ी की वादियों में छिपा है भगवान शिव का एक अद्भुत मंदिर

सावन शुरू होने में है ऐसे में क्या आप भी किसी शांत जगह की तलाश कर रहे है ? आप भी भगवान शिव से जोड़ना चाहते है, तो आ जाइए पचमढ़ी में जटाशंकर मंदिर में जहा आप प्रकृति के साथ-साथ अध्यात्म से जुड़ सकते है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह भगवान शिव गुफाओ में रहते है। इस मंदिर की खास बात यह है की यहा मौजूद शिव लिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है यानी इसे किसी इंसान ने नहीं बनाया।

जटाशंकर गुफा में बहती है गुप्त गंगा:

ऐसा माना जाता है की यहा भगवान जटाशंकर का अभिषेक करने माँ गंगा आती है। जिसमे हैरान कर देने वाली बात यह है की यह पानी एक अज्ञात स्रोत से बहता हैगुप्त गंगा इसका मतलब की कोई नै जनता की ये पानी यहां आता कैसे है। इस अद्भुत गुफा में एक नहीं बल्कि 108 प्राकृतिक रूप से बने शिव लिंग मौजूद है। महाशिवरात्रि यहां बक्त बड़ी सख्या में आते है और जम्बू नदी के पवित्र जल से भगवन शिव का अभिषेक करते हैं। इस मंदिर औषधीय गुणों वाली कई जड़ी-बूटियों भी पाई जाती है ।

यह से जुडी एक किवदंती:

जटाशंकर मंदिर से एक कहानी जुडी है ऐसा माना जाता है की भस्मासुर नमक एक असुर भगवान शिव प्रसन्न करना चाहता था इसीलिए उसने बहुत कड़ी तपस्या की उसकी तपस्या देख भगवन शिव प्रसन्न हुए और उसे एक वरदान दे दिया कि वह जिस व्यक्ति के सिर पर हाथ रखेगा, वह भस्म हो जाएगा। अचानक, भस्मासुर ने भगवान शिव के सिर पर अपना हाथ रखने का फैसला किया। भगवान शिव को भस्मासुर के क्रूर इरादों का तुरंत एहसास हुआ और वे भागने लगे।

कैसे पहुंचे:
अगर आप भी जटाशंकर मंदिर जाना चाहते है तो आइये हम आपको बताते है 3 मार्गो के बारे में :
अगर आप रेल से अपनी यात्रा करना कहते है तो आप सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो पचमढ़ी से लगभग 51.6 किमी दूर है। इसके बाद आप सड़क मार्ग से जटाशंकर मंदिर पहुंच सकते है।
यदि आप हवाई यात्रा करने की सोच रहे है तो भोपाल सबसे नजदीक हवाई अड्डा है यह आने के बाद आप बस ,बाइकया कार से जटाशंकर मंदिर पहुंच सकते है।