वनतारा के चीता के लिए उज्जैन में विकसित होगा 80 हेक्टेयर में चिडियाघर, अधिकारी 11 को जाएंगे जामनगर

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश बनाने के प्रयास में सीएम मोहन यादव लगातार नई योजनाएं ला रहे है। जिसके चलते अब सीएम डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में 300 करोड़ रुपये की लागत से 80 हेक्टेयर में चिड़ियाघर-सह-सफारी बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए 25 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि मंजूर कर दी गई है। यहां एक बात अच्छी है कि उज्जैन में प्रस्तावित चिड़ियाघर में अब चीते भी देखने को मिलेंगे। जो यहां पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाएंगे।

यहां पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार बाघ, सफेद बाघ और तेंदुआ, चीता सहित बड़े मांसाहारी जानवरों के लिए 47 अलग-अलग बाड़ों के साथ-साथ छोटे मांसाहारी, शाकाहारी, पक्षी, प्राइमेट, सरीसृप, एक तितली गुंबद, एक मछलीघर, एक बचाव केंद्र और एक पशु चिकित्सा अस्पताल की योजना है। इसका प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है।

वनतारा सेंटर से लाएंगे चीते
मध्य प्रदेश सरकार गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा सेंटर से चीता और अन्य वन्यजीव लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश के अधिकारी पहले वनतारा सेंटर जाएंगे और वहां जाकर व्यवस्थाओं का अध्ययन करेगे। वहां पर जिस तरह का वातावरण और सुविधाएं बनी हुई है वैसी ही व्यवस्थाए उज्जैन के चिड़ियाघर के निर्माण के दौरान बनाई जाएंगी। यहां पर 300 करोड़ रुपये खर्च करके इतना सुंदर चिडियाघर बनाया जाएगा जो पूरे देश में एक अलग मिसाल पेश करेंगा।

चीतों के लिए तीसरा बड़ा केन्द्र
मध्य प्रदेश में पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य के बाद अब उज्जैन चिड़ियाघर में भी चीते देखे जा सकेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वनतारा गए थे। उन्होंने वहां व्यवस्थाओं को देखा था। वहां का अनुभव मध्य प्रदेश के अधिकारियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि वनतारा प्रबंधन मध्य प्रदेश को वन्यजीव देने पर सहमत है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि मप्र वन विभाग के अधिकारी वनतारा रेस्क्यू सेंटर का भ्रमण कर हाथी प्रबंधन, विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण माडल, मानव-वन्यजीव द्वंद्व कम करने के प्रबंधन का अध्ययन करें।

11 जुलाई से शुरू करेंगे अध्ययन
अभी वनतारा में 48 चीता रहत है। जिन्हें दुबई व दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। मप्र के वन अधिकारी 11 जुलाई से 13 जुलाई तक वनतारा रेस्क्यू सेंटर का अध्ययन करेंगे। अधिकारियों का दल 11 जुलाई को जामनगर के वनतारा रेस्क्यू सेंटर का अध्ययन करने जाएगा। वहां जाकर देखेंगे कि किस तरह वन्यजीवों को रखा जाता है। उनकी देखरेख, खानपान से लेकर हर बिंदु का अध्ययन करेंगे।