पाकिस्तान की मांग और आमिर खान का दृढ़ निश्चय: ‘Dangal’ की अनसुनी कहानी

आमिर खान की फिल्म ‘Dangal’ न केवल भारत बल्कि विश्व भर में अपनी प्रेरणादायक कहानी और शानदार प्रस्तुति के लिए जानी जाती है। यह फिल्म पहलवान महावीर सिंह फोगट और उनकी बेटियों गीता व बबीता की असाधारण यात्रा को दर्शाती है लेकिन इस फिल्म की रिलीज से पहले एक ऐसा विवाद सामने आया, जिसने आमिर खान की देशभक्ति और उनके सिद्धांतों को उजागर किया। यह कहानी है पाकिस्तान की सेंसर बोर्ड की मांग और आमिर खान के उस मांग को ठुकराने की, जिसमें उन्हें फिल्म से तिरंगा और राष्ट्रगान हटाने के लिए कहा गया था।

Dangal: विवाद की शुरुआत

साल 2016 में जब ‘दंगल’ की रिलीज की तैयारियां चल रही थीं, तब फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज करने की योजना बन रही थी। लेकिन पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज के लिए कुछ शर्तें रखीं। बोर्ड ने मांग की कि फिल्म में दिखाए गए भारतीय तिरंगे और राष्ट्रगान से संबंधित दृश्यों को हटाया जाए। उनका तर्क था कि ये दृश्य उनके देश के दर्शकों के लिए संवेदनशील हो सकते हैं। यह मांग आमिर खान और उनकी टीम के लिए न केवल आश्चर्यजनक थी, बल्कि यह फिल्म की आत्मा पर चोट करने जैसी थी।
‘दंगल’ में तिरंगा और राष्ट्रगान उन महत्वपूर्ण दृश्यों का हिस्सा थे, जो भारतीय गौरव और देशभक्ति को दर्शाते थे। ये दृश्य न केवल कहानी का अभिन्न हिस्सा थे, बल्कि वे गीता और बबीता की जीत के पलों को और भी भावनात्मक बनाते थे। सेंसर बोर्ड की यह मांग फिल्म की मूल भावना को बदलने की कोशिश थी।

आमिर खान का साहसिक फैसला

आमिर खान ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि तिरंगा और राष्ट्रगान फिल्म के कथानक का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इन्हें हटाना कहानी की आत्मा को नुकसान पहुंचाने जैसा होगा। आमिर ने यह भी कहा कि वे किसी भी देश की भावनाओं का अनादर नहीं करना चाहते, लेकिन अपनी फिल्म की अखंडता और भारतीयता से समझौता करना उनके लिए अस्वीकार्य है।
आमिर खान ने साफ तौर पर कहा कि अगर इन दृश्यों को हटाने की शर्त पर फिल्म को रिलीज करना है, तो वे पाकिस्तान में ‘दंगल’ की रिलीज को रद्द करना पसंद करेंगे। और यही हुआ। आमिर और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ने पाकिस्तान में फिल्म रिलीज न करने का फैसला लिया।