इंदौर के इस मंदिर में होती है रात को 11 बजे देवी माँ की आरती

इंदौर : शहर में एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां रात को 11 बजे आरती होती है इस आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते है। हम बात कर रहे है इंदौर के राजेंद्र नगर क्षेत्र के दत्त नगर में स्थित अंबे वाली माता मंदिर के बारे मे। इस मंदिर में मंगलवार की रात को 11 बजे होने वाली आरती विशेष मानी जाती है जिसमें दूर-दूर से भक्त शामिल होते है। इस आरती के दौरान ध्वनि, भजन और दीपो की जगमगाहट से मंदिर का वातावरण शांति, उत्साह और सकारात्मकता से भर जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान और श्रद्धालुओ में भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई देता है। अंबे वाली माता को सौभाग्य और संतानदायिनी माना जाना जाता है।

 

आम के सूखे पेड़ से प्रकट हुई थी अंबे वाली माता

यहां सुनी गोद वाली माताए – बहने अंबे वाली माता से संतान की मनोकामना करती है। मंदिर की पौराणिक मान्यता है कि अंबे वाली माता आम के सूखे पेड़ से प्रकट हुई थी। अंबे माता की मुर्ति प्रकट होने के बाद आम का सूखा पेड़ हराभरा हो गया। इसी मंदिर में पेड़ के तने में अंबे माता विराजनमान है, इसी पेड़ के तने पर भक्तो द्वारा सैकड़ो नारियल बांधे गए है।  माता के इस दरबार में हर मंगलवार को बहु- बेटियो की गोद भराई की रस्म होती हैं। साथ ही हर मंगलवार को रात 11 बजे मां अंबा की भव्य आरती होती हैं। बाकी के दिनो मे आरती रात को 10 बजे होती हैं। मान्यता हैं कि माँ अंबा मंगलवार के दिन सुनी गोद वाली माता-बहनो की मनोकामना पूरी करती हैं।

सुनी गोद वाली माताओ को मिलता है संतान सुख

इस मंदिर का एक खास नियम है कि मनोकामना रखने वाले भक्तो को 5 मंगलवार आरती में शामिल होना जरूरी है और पांच मंगलवार 21 परिक्रमा करना अनिवार्य हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मंदिर में भक्तो का तांता लगा रहता है। न केवल इंदौर बल्कि आसपास के क्षेत्रो से भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर मातारानी के दरबार में आते है। कहा जाता है कि मां अंबा इतनी करूणामयी और दयालु है कि वे अपने भक्तो की मुरादे पल भर में पूरी कर देती है। मां अंबा अपने भक्तो के संकट हर लेती है।