हे भगवान! ये क्या हो रहा है? अपहरण का आरोपी पहुंचा कोर्ट में अर्धनारीश्वर बनकर, जिसने देखा वो दंग रह गया

मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले की अदालत में उस वक्त हर कोई चौंक गया जब एक शख्स आधे शरीर में पुरुष और आधे में महिला की पोशाक पहनकर कोर्ट पहुंचा. उसने आधे शरीर पर पेंट-शर्ट और आधे पर साड़ी पहन रखी थी. यह अनोखा रूप धारण कर वह कोर्ट में आत्मसमर्पण करने आया था.

इस शख्स का नाम मनोज बामनिया है, जो अपने ढाई साल के बेटे भव्यांश के अपहरण के आरोप में वांछित था. लगभग तीन महीने से फरार चल रहे मनोज ने आखिरकार कोर्ट में सरेंडर कर दिया.

पिता ने क्यों अपनाया ‘अर्धनारीश्वर’ रूप?

जब कोर्ट में मौजूद लोगों और पुलिस अधिकारियों ने मनोज से उसकी इस अनोखी वेशभूषा के बारे में पूछा तो उसने जो जवाब दिया, वह भावुक कर देने वाला था. मनोज ने कहा, “लोग मानते हैं कि बच्चों की देखभाल केवल मां कर सकती है, लेकिन एक पिता में भी ममता होती है. मैंने अपने बेटे की पूरी जिम्मेदारी से परवरिश की है. मैं उसे मां और बाप दोनों बनकर पाला.” मनोज ने बताया कि वह बेटे को बहुत प्यार करता है और उसकी देखभाल पूरी लगन से करता रहा है, इसलिए उसने अर्धनारीश्वर रूप अपनाकर यह संदेश देने की कोशिश की कि एक पिता में भी ममता होती है.

क्या है मामला?

पूरा मामला 16 मार्च का है. मनोज की पत्नी रीना की बहन रोशनी उनके बेटे भव्यांश को मंदिर लेकर जा रही थी. तभी एक बोलेरो गाड़ी में सवार कुछ लोग आए और जबरदस्ती बच्चा छीनकर भाग गए. इस घटना के बाद रीना ने आगर कोतवाली में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि इस वारदात में उसके पति मनोज का हाथ हो सकता है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बोलेरो गाड़ी को जब्त कर लिया और मनोज के पिता समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. वहीं मनोज पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया गया था.

अब क्या होगा?

सरेंडर के बाद अब मनोज को पुलिस की हिरासत में लिया गया है और मामले की कानूनी प्रक्रिया जारी है. कोर्ट में उसकी पेशी के दौरान उसके अर्धनारीश्वर रूप को देखकर लोग हैरान भी हुए और सोच में भी पड़ गए. यह घटना सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक पिता की उस भावनात्मक लड़ाई को भी दिखाती है जो समाज में ममता को केवल मां से जोड़कर देखता है. मनोज का यह रूप लोगों के मन में कई सवाल भी खड़े करता है कि क्या एक पिता भी उतनी ही ममता नहीं रख सकता?