इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पश्चिम क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को देखा। वह स्वयं सड़कों पर उतर आए। जहां उन्होने ड्रेनेज से लेकर सड़क, जल निकासी के साथ ट्रैफिक और शहरी विकास के तमाम मुद्दों की हकीकत परखने के लिए औचक निरीक्षण किया। फिर क्या था—हर गली-कूचे में अफसरों की फौज दौड़ती नजर आई। इस मिशन में महापौर के साथ एमआईसी सदस्य अभिषेक शर्मा (बब्लू), पार्षद प्रशांत बड़वे, जीतू राठौर और निगम के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। सबके कदम एक ही दिशा में बढ़ रहे थे कि इंदौर को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाए।
बॉक्स फिक्सिंग तकनीक से बन रही ड्रेनेज लाइन
इंदौर की सबसे पुरानी समस्याओं में से एक है ड्रेनेज, लेकिन अब यह समस्या इंदौर शहर से खत्म करने का लगातार प्रयास जारी है जो जल्द ही खत्म हो जाएंगी। निगम अब अत्याधुनिक बॉक्स फिक्सिंग तकनीक से चाणक्यपुरी से राजमहोल्ला तक 20 फीट गहरी ड्रेनेज लाइन बनवा रहा है जिसने इंदौर वासियों का ध्यान खींचा है।
2 साल से चल रहा था प्रोजेक्ट
“यह प्रोजेक्ट दो साल पहले शुरू हुआ था और अब ये अपने फिनिशिंग पॉइंट पर है।” इस ड्रेनेज लाइन से सुदामा नगर, वैशाली नगर, विश्वकर्मा नगर, भागीरथपुरा, राजेंद्र नगर जैसी घनी बस्तियों को जलभराव की मुसीबतों से स्थायी राहत मिलेगी।
महापौर ने बताया जनता का मुल मंत्र
अन्नपूर्णा से रिंग रोड को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के कार्य का भी महापौर ने निरीक्षण किया। यहां पर महापौर ने कहा कि “काम में रफ्तार जरूरी है! जनता इंतजार नहीं कर सकती।” साथ ही निर्माण कार्य ठेकेदारों को चेतावनी भी दे दी कि निर्माण में लापरवाही की कोई जगह नही है।
नेहरू पार्क में ‘स्मार्ट सिटी’ या स्मार्ट दिखावा?
इस दौरान जब मीडिया ने नेहरू पार्क के घटिया निर्माण कार्यों की शिकायतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन घटिया निर्माण कार्य की शिकायत सीधे PMO तक जा पहुंची हैं उन पर आप क्या करेंगे तो महापौर ने सख्त तेवर में कहा कि “काम न समय पर हुए, न क्वालिटी में दम था। तो अब दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएंगी।
जनसुनवाई ऑन द स्पॉट!
दौरे के दौरान महापौर ने आम नागरिकों से भी बात की। यहां पर लोगों ने ड्रेनेज ओवरफ्लो, टूटी सड़कें और पानी की अनियमित सप्लाई जैसे मुद्दे रखे महापौर के सामने रखे जिस पर महापौर ने अधिकारियों को 7 दिन के अंदर एक्शन लेने के सख्त निर्देश दिए।