रिश्वतखोर पर गिरी गाज ! नायब तहसीलदार नागेन्द्र त्रिपाठी संस्पेंड, कलेक्टर कार्यालय में मचा हड़कंप

इंदौर की राजस्व व्यवस्था में हड़कंप मचाते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने तहसील मल्हारगंज के नायब तहसीलदार नागेन्द्र त्रिपाठी पर बड़ी कार्रवाई की सिफारिश की है। नायाब तहसीलदार त्रिपाठी पर ना केवल रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है, बल्कि उन्होंने सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम स्थानांतरित कर शासन के नियमों की सरेआम धज्जियाँ भी उड़ाई हैं।

विभागिया जांच शुरू
कलेक्टर ने इन तमाम अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त, इंदौर संभाग को त्रिपाठी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और उनके खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ करने की अनुशंसा भेज दी है। दरअसल, मामला जाख्या गांव का है, जहाँ एक महिला आवेदिका के फौती नामांतरण के प्रकरण में त्रिपाठी पर पटवारी के माध्यम से रिश्वत की मांग करने का आरोप लगा है । शिकायत मिलते ही कलेक्टर ने एसडीएम मल्हारगंज को त्वरित जांच सौंपी।

बिना मौका मुआयना कर दिया नामतंरण
जांच रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि त्रिपाठी ने बिना स्थल निरीक्षण के कार्य किया है। त्रिपाठी ने  केवल पटवारी की रिपोर्ट पर भरोसा कर सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम दर्ज कर दिया! यह न केवल मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता का उल्लंघन था, बल्कि सरकार के हितों के साथ भी सीधा खिलवाड़ है। अब त्रिपाठी की भूमिका पर सवाल खड़े हो चुके हैं और उनका भविष्य विभागीय जांच के रहमोकरम पर टिका है।

कलेक्टर ने दी चेतावनी
इस घटनाक्रम के बाद कलेक्टर सिंह ने सभी राजस्व अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी हैकि “किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई।”