इंदौर के बिहाड़िया ग्राम स्थित ग्रीन लाईफ सिटी कॉलोनी में कई गंभीर शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई की गई है। कलेक्टर के आदेश पर कॉलोनाइजर अरविंद बंजारी, जो ग्रीनलाईफ सिटी कॉलोनी के मालिक हैं, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस FIR में सेटेलाईट इन्कलेव प्रा. लि. के डायरेक्टर अतुल सुरेन्द्र सिंह सुराणा, अरुण डागरिया और पुष्पेन्द्र ठाकुर का भी नाम शामिल किया गया है।
अपर कलेक्टर गौरव बैनल ने बताया कि शिकायतों के आधार पर जब राजस्व अमले और एसडीओ बिचौली हप्सी ने कॉलोनी के विकास कार्यों की जांच की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कॉलोनी के प्लॉट बिना स्वीकृति के बेचने, कॉलोनाइजर अरविंद बंजारी द्वारा 300 से ज्यादा आरआरसी वसूली के लंबित मामलों में लाखों रुपयों की वसूली नहीं की गई और कॉलोनी का विकास कार्य शुरू होने के 12 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ। इसके अलावा, बंधक रखे गए 32 भूखंडों में से 10 भूखंडों को अवैध तरीके से बेच दिया गया है, जबकि लगभग 3.5 करोड़ रुपए का कार्य अभी भी शेष है।
कॉलोनाइजर की धोखाधड़ी का खुलासा
इन सभी जांचों से यह भी सामने आया कि कॉलोनाइजर अरविंद बंजारी पहले भी अवैध और धोखाधड़ी में संलिप्त रहा है। उल्लेखनीय है कि वह कुछ समय पहले जेल से रिहा हुआ है। अब उसे कॉलोनी के विकास कार्यों में लापरवाही, अवैध बिक्री और धोखाधड़ी के कारण कड़ी सजा मिल सकती है। कलेक्टर के आदेश के बाद, कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और कॉलोनी की भूमि के क्रय-विक्रय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
FIR में कौन-कौन शामिल?
एफआईआर में सेटेलाईट इन्कलेव प्रा. लि. के डायरेक्टर अतुल सुरेन्द्र सिंह सुराणा, अरुण डागरिया और पुष्पेन्द्र ठाकुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406 और 34 के तहत कार्रवाई की गई है। ये सभी आरोपित कॉलोनी के अवैध विकास और नियमों का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए हैं।
पैसे की वसूली और बंधक भूमि
इस कार्रवाई में यह भी पाया गया कि कॉलोनाइजर ने 212 भूखंडों में से 168 भूखंडों को अवैध रूप से बेच दिया है। इसके अलावा, बंधक भूखंडों के विक्रय पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। कॉलोनाइजर ने लगभग 13 साल में कॉलोनी का विकास नहीं किया, जिसके चलते नागरिकों को भारी नुकसान हुआ है।
नियमों का उल्लंघन और सख्त आदेश
कलेक्टर के निर्देशों पर, मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 और मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कॉलोनियों का विकास) नियम 2014 का उल्लंघन करने के कारण कॉलोनाइजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। अब कॉलोनी में कोई भी भूमि क्रय-विक्रय या नामांतरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है, और यदि कोई नागरिक इस तरह की गतिविधि देखता है तो उसे कलेक्टर कार्यालय में सूचित करने के लिए कहा गया है।
निवासी और खरीदारों को सख्त चेतावनी
जिले के नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि उनके क्षेत्र में कोई अवैध कॉलोनी विकसित हो रही है या कहीं नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो वे तुरंत कलेक्टर कार्यालय को सूचना दें ताकि संबंधित अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई की जा सके।