Sardaar Ji 3 Controversy: पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ की फिल्म सरदार जी 3 में पाकिस्तानी एक्ट्र्रेस हानिया आमिर की कास्टिंग को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मुद्दे पर अब गायक और एक्टर आदित्य नारायण ने अपनी राय रखी है। उन्होंने दिलजीत से इस मामले में ‘क्षतिपूर्ति’ करने की अपील की है, साथ ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के संदर्भ में देशभक्ति को प्राथमिकता देने की बात कही।
मीडिया के साथ एक बातचीत में आदित्य ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं क्या कहूं या क्या नहीं, लेकिन मैं एक कट्टर देशभक्त हूं। मेरे लिए, हमेशा राष्ट्र सर्वोपरि है। जिस देश की बात हो रही है (पाकिस्तान)… यह एक तरह की आदत है (आतंकवाद का समर्थन करना)। भारतीय होने के नाते, हम प्रेम और समावेशिता का संदेश फैलाते हैं। हम वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करते हैं। लेकिन हम इसे कब तक बर्दाश्त कर सकते हैं? यह अनुचित और गलत है। जो गलत है वो गलत है। समय सही नहीं है। अत्याचार अभी भी हर भारतीय के दिमाग में ताजा हैं।’
हानिया आमिर की कास्टिंग पर उठाए सवाल
आदित्य ने स्वीकार किया कि हानिया को सरदार जी 3 में कास्ट करने का निर्णय तब लिया गया था, जब भारत-पाकिस्तान संबंध उतने तनावपूर्ण नहीं थे। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध कभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं रहे। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत ही जटिल मामला है, लेकिन निश्चित रूप से, हमेशा भारत सबसे पहले है। यह मेरी मातृभूमि है। यह मेरा देश है।’ आदित्य ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर वह दिलजीत की जगह होते, तो वे भारत को प्राथमिकता देते।
दिलजीत से सुधार की अपील
आदित्य ने दिलजीत से इस संवेदनशील मुद्दे पर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘सुधार करो, बस इतना ही। यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है, और इंटरनेट पर हर चीज को ट्रोल किया जाता है, लेकिन मेरा मानना है कि हम हमेशा मेहमाननवाज़ी और सहयोगात्मक रहे हैं। हम अभी भी हैं। प्यार हमेशा हमारा संदेश रहेगा, लेकिन सहनशीलता की भी एक सीमा होती है।’
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते सरदार जी 3 भारत में रिलीज नहीं हुई। यह फिल्म 27 जून 2025 को विदेशी बाजारों में रिलीज हुई। इस विवाद ने न केवल दिलजीत की छवि को प्रभावित किया, बल्कि देशभक्ति और कला के बीच संतुलन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। आदित्य का बयान इस मुद्दे पर एक नया दृष्टिकोण लाता है, जो देशभक्ति और सहनशीलता के बीच संतुलन की बात करता है।