लाड़ली बहनों का स्नेह बरकरार, पूर्व सीएम Shivraj Singh Chauhan का विदिशा दौरा

स्वतंत्र समय, भोपाल

मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) द्वारा प्रदेश में प्रारंभ की गई लाड़ली बहन योजना का असर अभी भी दिखाई दे रहा है। सोमवार को शिवराज ने विदिशा संसदीय क्षेत्र के इछावर सहित कई गांवों का दौरा किया तो लाड़ली बहनों का स्नेह उन्हे भरपूर मिला। उन्होंने सीहोर में भोपाल लोकसभा चुनाव कार्यालय का उद्घाटन भी किया। चौहान ने कहा-इस बार मोदी जी ने 400 पार का लक्ष्य रखा है, विदिशा संसदीय सीट से हमें पूरे हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा वोटों से जीत दर्ज करना है और सबसे ज्यादा वोटों की फूलों की माला मोदी जी के गले में डालना है।

Shivraj Singh Chauhan कांग्रेस पर साधा निशाना

पूर्व सीएम शिवराज सिंह ( Shivraj Singh Chauhan ) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विनाशकोले विपरित बुद्धि। जब अयोध्या में राममंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हो रही थी, रामलला विराजमान हो रहे थे, पूरा देश दीवाली मना रहा था और कांग्रेस को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने निमंत्रण ठुकरा दिया और प्राणप्रतिष्ठा में नहीं आए। कांग्रेस के करम ही फूटे हैं, कांग्रेस अच्छी चीज का विरोध करती है, इसलिए कांग्रेस अब बचने वाली नहीं है। कांग्रेस के विचारवान नेता कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आ रहे हैं।

जनता के प्रेम का कर्ज कैसे उतारूंगा

इछावर में जनसभा से पहले कई महिलाओं ने शिवराज को चुनाव लडऩे के लिए राशि भेंट की। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि मैं आया तो बहनों ने मेरे हाथ में पैसे रखना शुरू कर दिए, मैंने पूछा किस चीज के पैसे..? तो कहने लगी हमारा भैया चुनाव लड़ रहा है तो भैया को चुनाव लडऩे के लिए हम पैसे दे रहे हैं। मेरी बहनों मैं तुम्हें शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं। मेरी बहनों और भाइयों अक्सर राजनीति में उल्टा होता है, जो चुनाव लड़ता है उससे कहते हैं कि पहले पैसे निकलो। मैं इतने गांव से आ रहा हूं मुझे कहते हुए गर्व है कि मेरे बुजुर्गों ने, मेरी बहनों ने, बेटियों ने मुझे चुनाव लडऩे के लिए उनकी जमा की हुई राशि दी है। एक बेटी तो भोपाल में गुल्लक लेकर आई, मैंने पूछा ये क्या है..? तो कहने लगी गुल्लक है, मेरे मामा चुनाव लड़ रहे है, चुनाव लडऩे के लिए ये पैसे ले जाओ। ये कैसा प्रेम है, कई बार मैं सोचता हूं कि मेरी जनता और मेरी बहनों के प्रेम का ये कर्ज मैं कैसे उतारूंगा। मेरी बहनों मैं तुम्हें बारम्बार प्रणाम करता हंू।