22 साल बाद एमपी में मतदाता सूची का होगा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन- गलती पर गिरेगी गाज

भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार की मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने के बाद अब मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसे एसआइआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) नाम दिया गया है। इस तरह की कवायद मध्यप्रदेश में 22 साल बाद होने जा रही है। इससे पहले वर्ष 2003 में विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। उस समय भोपाल में केवल चार विधानसभा क्षेत्र थे, जिसमें गोविंदपुरा, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और बैरसिया शामिल थे।

नाम जुड़वाने के लिए देना होगे तीन दस्तावेज
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू हो रहा है। 2003 की सूची में नाम नहीं तो तीन दस्तावेज देने होंगे। बीएलओ घर-घर जाकर न्यूमेरेशन फार्म देंगे। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की जाएगी। लापरवाही बरतने वाले बीएलओ पर कार्रवाई होगी।

जिनके नाम वर्ष-2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें नई सूची में अपना नाम कटने से बचाने के लिए पहचान के तीन दस्तावेज पेश करने पड़ेंगे। वहीं जिन लोगों के पिता का नाम इस मतदाता सूची में है, उन्हें पिता से संबंध का प्रमाण पेश करने के साथ पहचान का एक दस्तावेज देना अनिवार्य होगा।

गहन परीक्षण जारी होगी सूची
भोपाल में 22 साल पुरानी मतदाता सूची से दोगुना से भी ज्यादा नाम है। सूची का एसआइआर होने से यहां भी भारी संख्या में नाम काटे जा सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने फिलहाल 2025 की मतदाता सूची का 2003 की मतदाता सूची से मिलान का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बूथ स्तर के अधिकारियों को काम पर लगाया गया है। मिलान का काम पूरा होने के बाद जिनके नाम 2003 की सूची में नहीं होंगे, उनको बीएलओ सूचना देगा। उसी के आधार पर मतदाता को दस्तावेज पेश करना होगा।

2003 की सूची के नाम वालों को नहीं देने होंगे दस्तावेज
अधिकारियों का कहना है कि जिन मतदाता के नाम वर्ष-2003 की सूची में दर्ज होगा, उन्हें किसी भी तरह का दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें सिर्फ 2003 में दर्ज नाम का रिकॉर्ड पेश करना पड़ेगा। जिन लोगों के पिता का नाम दर्ज है, उन्हें भी पिता के नाम का ब्यौरा अपने फार्म में दर्ज करना पड़ेगा।

1987 से पहले जन्म वालों को भी देना होंगा एक दस्तावेज
इस अभियान के तहत 1987 के पहले जन्म लेने वाले मतदाता को एक दस्तावेज देना पड़ेगा। इसके साथ 1987 से 2003 के बीच जन्म लेने वाले मतदाता को पहचान के दो दस्तावेज पेश करना पड़ेंगे। जबकि 2003 से अब तक वालों को तीन दस्तावेज देना अनिवार्य किया गया है।

हर मतदाता को दिए जाएंगे न्यूमेरेशन फार्म
मतदाता सूची का गहन परीक्षण होने के साथ ही बीएलओ को न्यूमेरेशन फार्म दिए जाएंगे। यह फार्म बीएलओ घर-घर जाकर मतदाता को दो कापी में देंगे, जिसमें एक कापी पर पावती भी ली जाएगी। इस फार्म को तय समय में भरने के साथ दस्तावेज भी पेश करना अनिवार्य होगा। आयोग इस फार्म की व्यवस्था ऑनलाइन भी रखेगा, जिससे मतदाता ऑनलाइन भी इस फार्म को भर सकेंगे।